अब पहलवान बने राहुल गांधी, सीखीं कुश्ती की टेक्निक

कुली…ट्रक ड्राइवर….किसान और मैकेनिक के बाद अब राहुल गांधी पहलवान बने हैं. अखाड़े गए…जोर आजमाइश की. कुश्ती की टेक्निक भी सीखी. अब आप कहेंगे कि ये तो सारी आम बातें हैं…इसमें खास क्या है? तो बता दें कि, खास हैं वो चेहरे जो राहुल गांधी के साथ दिख रहे हैं.  ये वही चेहरे हैं जो, बीते एक साल से बृजभूषण सिंह के खिलाफ लामबंद हैं. nकुश्ती संघ और पहलवानों के इसी विवाद के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी सुबह सवेरे बहादुरगढ़ के गांव छारा पहुंचे. यहां राहुल गांधी ने अखाड़े में पहलवानों के साथ खूब जोर आजमाइश की. ओलंपिक खिलाड़ी बजरंग पुनिया ने राहुल गांधी को कुश्ती के दांव पेंच भी सिखाए. इसके बाद राहुल गांधी ने पहलवानों के डेली रूटीन के बारे में जानकारी ली. पहलवान कहां रहते हैं? कैसे प्रैक्टिस करते हैं और क्या खाते पीते हैं? सब कुछ उन्होंने नजदीकी से देखा. nnवर्षों की जीतोड़ मेहनत, धैर्य एवं अप्रतिम अनुशासन के साथ अपने खून और पसीने से मिट्टी को सींच कर एक खिलाड़ी अपने देश के लिए मेडल लाता है।आज झज्जर के छारा गांव में भाई विरेंद्र आर्य के अखाड़े पहुंच कर ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया समेत अन्य पहलवान भाइयों के साथ चर्चा की। सवाल… pic.twitter.com/IeGOebvRl6n— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 27, 2023nnnnवहीं, दूसरी तरफ राहुल गांधी को यूं अचानक अपने बीच देख पहलवान भी काफी खुश दिखे. लेकिन…सबसे बड़ा सवाल यही है. क्या राहुल गांधी वहां अचानक पहुंचे थे? या इसके पीछे कोई बड़ा खेल है? क्योंकि, कांग्रेस पर आरोप लग रहे हैं कि, वही पहलवानों और बृजभूषण के बीच जारी घमासान की स्क्रिप्ट लिख रही है. nबता दें कि, केंद्र सरकार ने अब तक कई बार पहलवानों के समर्थन में फैसला लिया है. यहां तक कि, खेल मंत्रालय ने पहलवानों की मांग पर कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया. लेकिन, ये पहलवान अभी भी खुश नहीं हैं. कोई अपना मेडल फुटपाथ पर रख देता है. कोई अपने जूते उतारकर सन्यास लेने का ऐलान करने लगता है. तो ऐसे में कांग्रेस पर आरोप हैं कि, वो चाहती है कि पहलावनों और बृजभूषण के बीच जारी संघर्ष यूं ही चलता रहे. ताकी वो इस मामले का राजनीतिकरण कर हरियाणा के जाटों को अपने पाले में ला सके.  nराहुल गांधी से पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पहलवान साक्षी मलिक के आवास पर पहुंची थी. वहीं, अब राहुल गांधी के पहलवानों से मिलने के बाद कांग्रेस सवालों के घेरे में और ज्यादा घिर गई हैं. कहीं इस पूरे विवाद की कहानी कहीं सही में कांग्रेस ही तो नहीं लिख रही? 

Exit mobile version