किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने तीन कृषि कानून को तो वापस ले लिया था लेकिन किसानों की कुछ मांगों को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया. इस वजह से एक बार फिर ट्रैक्टर के साथ दिल्ली में प्रदर्शन करने की बात कह रहे थे. लेकिन हरियाणा पुलिस ने पंजाब के किसानों को हरियाणा की सीमाओं पर ही रोक दिया. वहां पर जो घटनाक्रम हुआ वह सबके सामने है जिसको लेकर बुधवार को सोनीपत में किसानों के समर्थन में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला. किसानों ने सरकार को सीधी चेतावनी दी. nउन्होंने कहा कि दिल्ली अब दूर नहीं है. किसानों पर सरकार अत्याचार बंद करे, क्योंकि उनकी सभी मांगे जायज हैं और शुभकरण की हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाए कि किसान तो शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन लड़ रहे हैं लेकिन किसानों के भेष में आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ता हुडदंग मचा रहे है और उन्हें बदनाम कर रहे है. nnnnयुवा किसान की मौत की जांच की मांग nबुधवार को सोनीपत के खरखोदा में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला और सरकार को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें किसान आंदोलन के दौरान हिरासत में लिए किसानों की रिहाई की मांग के साथ युवा किसान शुभकरण की मौत के मामले में मुकदमा दर्ज होना चाहिए और इसकी जांच होनी चाहिए. nयुवा किसानों का कहना है कि वो अपनी जायज मांगों को लेकर सरकार के सामने शांतिपूर्ण तरीके से बात रखने दिल्ली आ रहे थे. लेकिन उनके दिल्ली पहुंचने से पहले से ही सरकार ने उन पर अत्याचार शुरू कर दिए. युवा किसान शुभकरण की मौत के साथ-साथ अन्य किसानों की मौत इस बात का सबूत है कि सरकार हमारे आंदोलन को तानाशाही तरीके से दबाना चाहती है लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं है. nचुनावों से पहले चेतावनी nउनका कहना था कि बुधवार को किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर मार्च निकाला गया है. सरकार, पंजाब और हरियाणा के भाईचारे को बिगड़ने का काम कर रही है. किसानों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन पर एक्सपायरी डेट के आंसू गैस के गोले छोड़े गए. सरकार हमारी मांगो को जल्द से जल्द पूरा करे, वरना दिल्ली दूर नहीं है. अगर किसी भी पार्टी का कोई नेता अबकी बार हमारे गांव में हमसे वोट मांगने आएगा तब उनसे हम किसानों के हितों के लिए सवाल जरूर पूछेंगे कि उन्होंने किसानों के लिए क्या किया है. n



