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कौन हैं बाबा बौख नाग? जिनके आशीर्वाद से बाहर आए मजदूर

उत्तरकाशी में टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन सफल हो गया है. इस ऑपरेशन के सफल होने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बाबा बौख नाग जी को याद किया. लोगों का कहना है कि, बाबा बौख नाग जी को नजरअंदाज करने की वजह से ये हादसा हुआ है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल हैं कि, आखिर बाबा बौख नाथ कौन हैं? nदरअसल, बाबा बौख नाग (Baba Bokh Nag Ji) को पहाड़ों के देवता कहा जाता हैं.  स्थानीय लोगों का मानना है कि बाबा बौखनाग की उत्पत्ति नाग के रूप में हुई है. उत्तरकाशी में बाबा बौख नाग देवता का मंदिर स्थित है, जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए हर साल आते हैं. ऐसी मान्‍यताएं है कि जो भी श्रद्धालु नंगे पैर मंदिर तक आकर दर्शन करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है.nबाबा बौख नाग जी की नाराजगी है हादसे का कारण? nउत्तरकाशी के लोगों यह भी मानते हैं कि यह जो हादसा हुआ है, वो बाबा बौखनाग की नाराजगी की वजह से ही हुआ. उनका कहना है कि सुरंग बनाने से पहले टनल में बाबा बौखनाग के मंदिर की स्थापना की जानी चाहिए थी. वहीं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इस सुरंग को बनाने के लिए मंदिर को तोड़ा दिया गया था, जिसकी वजह से बाबा बौखनाग नाराज हो गए और उनके प्रकोप के कारण ही यह हादसा हुआ. nउत्तरकाशी में 12 नवंबर को यह हादसा होने के बाद से ही इस मंदिर में लगातार मजदूरों की सलामती और उनके सुरक्षित बाहर निकलकर आने के लिए पूजा भी की जा रही है. इसके बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और विदेश से आए इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने बाबा बौखनाग की पूजा की. माना जा रहा है कि, उत्तरकाशी में यह रेस्क्यू ऑपरेशन बाबा बौखनाग की कृपा से ही हुआ.

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