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गुजरात दहलाने की बड़ी साजिश नाकाम! गोधरा का बदला लेना चाहता था ISIS

इस साल देश में दो बड़े आयोजन होने हैं. पहला 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन, दूसरा लोकसभा चुनाव. इन दोनों आयोजनों की वजह से सुरक्षा एजेंसियां बेहद सतर्क हैं. लगातार सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ को रोका जा रहा है. साथ ही देशभर में हर जगह सुरक्षा चाक चौबंद है. इसी बीच एक ऐसी खबर सामने आई जिसने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है.nदरअसल, आतंकवादी संगठन आईएसआईएस भारत में पैर पसारने की कोशिशों में जुटा है. इसी बीच इस्लामिक स्टेट आईएसआईएस मॉड्यूल से जुड़े आतंकी शाहनवाज आलम ने कई बड़े कबूलनामें किए हैं. शहनवाज को हाल ही में जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था. शाहनवाज ने जांच एजेंसी को बताया कि, आतंकवादियों के निशाने पर गुजरात के गांधी नगर, अहमदाबाद, बड़ोदरा और सूरत शहर था. गुजरात को टार्गेट करने का सबसे बड़ा कारण ये है कि, वो पीएम मोदी का गृह प्रदेश है और आतंकवादियों को गोधरा का बदला लेना था.nराष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA की पूछताछ में आतंकी शाहनवाज आलम ने कई और बड़े खुलासे किए हैं. उसने अपना पूरा प्लान जांच एजेंसी के अधिकारियों को बताया. उसने कहा कि, वो आईएसआईएस का निशाना गुजरात था. उन लोगों की गुजरात में सीरीयल ब्लास्ट करने की मंशा थी. गुजरात के कई शहरों में सीरियल ब्लास्ट की तैयारी की जा रही थी. इसमें बड़े शहर जैसे गांधी नगर, अहमदाबाद, बड़ोदरा और सूरत शामिल थे. इसके अलावा उनका गोधरा को भी टार्गेट करने का प्लान था. आईएसआईएस अपने आतंकी के जरिए गोधरा कांड का बदला लेने के लिए पूरे गुजरात में सिलसिलेवार तरीके से बड़े बम ब्लास्ट करवाना चाहती थी.nशाहनवाज ने अपने हैंडलर अबू सुलेमान के कहने पर अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत की घेराबंदी करने का फैसला किया. क्योंकि, गुजरात पीएम नरेंद्र मोदी का गृह राज्य होने के कारण एक प्रमुख क्षेत्र है. वो ट्रेन से अहमदाबाद पहुंचा और फिर रेलवे स्टेशन, सिनेमा हॉल, विश्वविद्यालय, वीआईपी मार्गों, अटल पैदल यात्री पुल के साथ-साथ भीड़ भरे बाजारों की भी रैकी की थी. शाहनवाज ने अपने साथी के साथ मिलकर एक बाइक किराए पर ली थी और साथ ही इन सब जगहों की वीडियोग्राफी भी की थी.nजांच एजेंसी को शाहनवाज ने आगे बताया कि, ‘उनके निशाने पर आरएसएस कार्यालय, विहिप कार्यालय, उच्च न्यायालय, जिला अदालत, भाजपा कार्यालय भी था. इसके लिए ये दोनों गांधीनगर गए थे. फिर वहां से दोनों वडोदरा गए और रेलवे स्टेशन के पास एक किराए का एक कमरा भी लिया था. शाहनवाज ने इन सारी तस्वीरों की पीपीटी बनाई थी, और फिर अपने हैंडलर अबू सुलेमान को भेज दी.’

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