गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में तीन नए बिल पेश किए. सीआरपीसी और आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता बिल 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को सदन के पटल पर रखा. अमित शाह का कहना है कि इन्हें लाने का लक्ष्य आपराधिक कानूनों में सुधार करना है. इनके जरिए कानून व्यवस्था को बेहतर और सरल बनाया जाएगा. इन विधेयकों को गृहमंत्री अमित शाह ने मानसून सत्र में पेश किया था. जिसके बाद उन्हें संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया. जानिए इनके लागू होने पर क्या-क्या बदलाव होगा.nपुराने कानून से क्या समस्या थी, पहले इसे समझेंnकानून में IPC, CRPC और इंडियन एविडेंस एक्ट से ऐसे नियम जुड़े हैं जिससे देश में न्याय की प्रक्रिया पर बोझ बढ़ रहा है. इसे कम करने के लिए नए बिल लाए गए हैं. वर्तमान में आर्थिक रूप से पिछड़े लोग न्याय से वंचित रह जाते हैं और ज्यादातर मामलों में दोषी साबित नहीं हो पाते. नतीजा, जेल में कैदियों की संख्या बढ़ रही है. इसे कम करने के लिए नए बिल लाए गए हैं. ये बिल कानून का रूप लेते हैं तो जटिलताएं कम होंगी.nनए बिल में कितना बदलाव हुआ?nभारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023: इसमें 533 धाराओं को शामिल किया गया है. ये सीआरपीसी की 478 धाराओं की जगह लेंगी. 160 धाराओं में बदलाव किया गया है. इसके अलावा 9 नई धाराएं जुड़ी हैं और 9 पुरानी धाराओं को हटाया गया है.nभारतीय न्याय संहिता 2023: इसमें आईपीसी की 511 धाराओं की जगह 356 धाराएं लेंगी. इसमें कुल 175 धाराओं में चेंजेस किए गए हैं. बिल में 8 नई धाराओं को जोड़ा गया है और 22 धाराओं को निरस्त किया गया है.nभारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023: इसमें 167 पुरानी धाराओं की जगह 170 धाराएं रहेंगी. इसके अलावा इसकी 23 धाराओं में बदलाव किया गया है. 1 नई धारा को शामिल किया गया और 5 धाराओं को हटा दिया गया है.nनए नियमों में क्या?nभड़काऊ भाषण पर 5 साल की सजा.nगैंगरेप में दोषी को आजीवन कारावास.nमॉब लिंचिंग पर 7 साल की सजा.nभगौड़ों की अनुपस्थिति में जारी रहेगा ट्रायल.nमौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला जा सकेगा.nकोर्ट देगा कुर्की का आदेश.nऑनलाइन मिलेगी मुकदमों की जानकारी.nगिरफ्तारी हुई तो देनी होगी परिवार को सूचना.n120 दिन में आएगा पुलिस अधिकारी के खिलाफ ट्रायल का फैसला.nबहस पूरी हुई तो एक माह में अंदर आएगा फैसला.nचार्जशीट 90 दिन में फाइल होगी. अगर कोर्ट मंजूरी देती है तो समय 90 दिन तक बढ़ाया जा सकता है.nबिना गिरफ्तारी के लिया जा सकेगा सैम्पल.nअपराधी का रिकॉर्ड होगा डिजिटल.
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नाबालिग से गैंगरेप पर मृत्युदंड, संसद में पेश किए 3 बिल
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