पंजाब कांग्रेस में बढ़ी अंतर्कलह, आपस में भिड़ गए सिद्धू-बाजवा

पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर से अंतर्कलह शुरू हो गई है. प्रताप सिंह बाजवा के वार पर नवजोत सिंह सिद्धू ने पलटवार किया है. बाजवा ने सिद्धू को अलग से अखाड़ा नहीं लगाने की नसीहत दी थी. उन्होंने कहा कि, सिद्धू के कार्यकाल में कांग्रेस 78 से 18 सीटों पर आ गई. बाजपा के इस बयान पर पलवार करते हुए सिद्धू ने एक लंबा चौड़ा फेसबुक लिखा है. इस पोस्ट के जरिए उन्होंने बाजवा पर बड़ा हमला बोला है.nसिद्धू ने कहा कि, ‘पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा की घबराहट से पैदा हुए गुमराह करने वाले बयान और व्यवहार चलाकी वाली चाल का नमूना है. अगर आप इंडिया गठबंधन की राजनीति को अस्वीकार करते हैं और कहते हैं कि हम इस गठबंधन के राजनीतिक निर्णयों को कांग्रेस आलाकमान द्वारा लागू नहीं करेंगे, तो ये कोई अलग अखाड़ा नहीं है. वहीं अगर सिद्धू कहते हैं कि, वो हाईकमान के साथ खड़े रहेंगे और पंजाब के लिए लड़ेंगे तो यह अलग अखाड़ा कैसे बन गया?’nउन्होंने आगे लिखा, ‘कांग्रेस को 78 से 18 विधायकों तक लाने वाले जिम्मेदार आप हैं, अध्यक्ष के रूप में नवजोत सिंह सिद्धू नहीं. आपने नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब में लूटपाट बंद करने के एजेंडे को खारिज कर दलित कार्ड खेला. जब सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया तो आप सिसवां फार्म में जाकर कैप्टन अमरेंद्र से इश्क लड़ाते थे.’nमान सरकार के खिलाफ किसने लगाया अखाड़ाnसिद्धू ने अपनी पोस्ट में आगे कहा कि, ‘आप ने दो साल में भगवंत मान सरकार के खिलाफ कौन अखाड़ा लगाया है? बताएं कि मान सरकार आपकी कांग्रेस सरकार की किन नीतियों और निर्णयों का उल्लंघन कर रही है? सिद्धू ने भगवंत सरकार की नीतियों और फैसलों पर हमला बोला है और आपको तकलीफ क्यों हो रही है? विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी आप सरकार की गारंटी पूरी नहीं करने की नीति पर सिद्धू ने हमला बोला और भगवंत मान को उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित करने के लिए मजबूर होना पड़ा.’nबाजवा ने सिद्धू को दी थी अखाड़ा न लगाने की नसीहतnदरअसल, नवजोत सिद्धू ने अपने पुराने सलाहकार की पोस्ट को अपनी वाल पर शेयर किया है. इसका सीधा मतलब बनता है कि सिद्धू भी खुलकर मैदान में आ गए हैं. मंगलवार को प्रताप बाजवा ने नवजोत सिद्ध पर अलग से बैठिंडा में की गई रैली कर सवाल उठाए थे. उन्होंने सिद्धू को नसीहत देते हुए कहा था के सिद्धू को अलग अखाड़ा लगाने की बजाए कांग्रेस के प्लेटफार्म से बोलना चाहिए.

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