भारत में कुछ बड़ा होने वाला है? US ने दिया इनपुट

अमेरिका ने हाल ही में दावा किया कि उसने संगठित अपराधियों, हथियारबंद हमलावरों और आतंकियों के बीच सांठगांठ का इनपुट भारत सरकार को दिया है. वहीं, भारत ने भी अमेरिका से मिले इनपुट पर त्वरित कार्रवाई करते हुए इनसे निपटने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार (29 नवंबर) को इसकी जानकारी दी है. पिछले कुछ सालों में भारत-अमेरिका सुरक्षा के मुद्दे पर साथ आए हैं. nदरअसल, अमेरिकी सरकार की तरफ से अपराधियों की सांठगांठ का इनपुट ऐसे समय पर दिया गया है. जब फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि सिख अलगाववादी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिकी धरती पर हत्या की साजिश को अमेरिकी अधिकारियों ने नाकाम किया है. पन्नू अमेरिका और भारत में बैठकर भारत के खिलाफ अलगाववादी गतिविधियों को ऑपरेट करता है. वह सिख फॉर जस्टिस (एसजेएफ) नाम के एक अलगाववादी संगठन का प्रमुख भी है. nइनपुट पर एक्शन लेने की हुई बातnपिछले हफ्ते आई न्यूज रिपोर्ट पर पहली बार भारत की तरफ से जवाब दिया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग पर हालिया चर्चा के दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने संगठित अपराधियों, हथियारबंद हमलावरों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से जुड़े हुए कुछ इनपुट शेयर किए. ये इनपुट दोनों देशों के लिए चिंता की वजह हैं और दोनों देशों ने तुरंत इस पर एक्शन लेने का फैसला किया है.’nरिपोर्ट में क्या कहा गया? nफाइनेंशियल टाइम्स की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी-कनाडाई नागरिक गुरुपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश रची गई. वह सिख फॉर जस्टिस का जनरल काउंसिल है और भारत ने उसे आतंकवादी नामित किया हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया कि जब सितंबर के महीने में नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया, तो उस वक्त वहां हिस्सा लेने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी पहुंचे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था. nपन्नू की हत्या की साजिश की खबर ऐसे समय पर सामने आई है, जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत-कनाडा में विवाद हो चुका है. कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि उनके देश में घुसकर कनाडाई नागरिक निज्जर की हत्या की गई. इस हत्या में भारतीय एजेंट्स का हाथ था. भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया था और कहा था कि कनाडा खालिस्तानियों के लिए पनाहगाह बन चुका है. 

Tags

Share this post:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *