टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा तथाकथित ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में विवादों में घिर गई हैं. बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी सरकारी गवाह बन गए हैं और उन्होंने मामले में आरोपों की पुष्टि की है. ये मामला संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का है.
nगुरुवार (19 अक्टूबर) को हीरानंदानी ने माना कि उन्होंने अडानी ग्रुप के बारे में संसद में सवाल उठाने के लिए टीएमसी सांसद को पैसे दिए थे. ऐसे में जानते हैं कि आखिर कौन हैं दर्शन हीरानंदानी, जिनकी वजह से अब टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं?
nहीरानंदानी ग्रुप के सीईओ हैं दर्शन
nदर्शन हीरानंदानी रिएल एस्टेट से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ हैं. वह ग्रुप के संस्थापक निरंजन हीरानंदानी के बेटे हैं.हीरानंदानी ग्रुप की स्थापना 1978 में निरंजन और सुरेंद्र हीरानंदानी ने मिलकर की थी. हीरानंदानी ग्रुप का मुंबई में रियल एस्टेट सेक्टर में एक बड़ा नाम है. यह ग्रुप टाउनशिप, आईटी पार्क और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाओं के विकास के लिए जाना जाता है. अभी के समय में देश में हीरानंदानी ग्रुप की कई परियोजनाएं चल रही हैं.
nक्या है मामला?
nसांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे. इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया हैजिस बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने महुआ को गिफ्ट दिए. उन्होंने एक लेटर लिखकर इसको कबूल भी कर लिया है. महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी 26 अक्टूबर को सुनवाई करेगी.
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