लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका, इस चुनाव आयुक्‍त ने क्यों दिया इस्‍तीफा?

लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है. उनका कार्यकाल 2027 तक था. राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. गोयल के इस्तीफे की वजह अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन उनके अचानक इस्‍तीफे से कई सवाल खङे हो गए है.  लेकिन ऐसा क्या हुआ कि इकलौते निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया? nनिर्वाचन आयुक्त के साथ मतभेद nसूत्रों की मानें तो गोयल के कुछ मुद्दों पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ मतभेद तो थे. 8 मार्च को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने निर्वाचन आयोग के अधिकतर राज्यों में चुनावी तैयारियों को समीक्षा के बाद आम चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती और आवाजाही का प्लान चेक किया. इसका उद्देश्य था कि जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र सहित पूरे देश में चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, सहज और निर्भय माहौल में कराए जा सकें.  nnDays before the announcement of the general elections, Election Commissioner Arun Goyal has resigned from his post. One post of the election commissioner was already vacant, now after this resignation, both have become vacant. pic.twitter.com/5cyncgeEMpn— Faizan Rahi (@rahifaizan) March 9, 2024nnnnमीटिंग में नहीं आए अरुण गोयलnसूत्रों के मुताबिक उस मीटिंग में अरुण गोयल गायब थे. उस मीटिंग में गृह सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा में राजीव कुमार के साथ अन्य निचले पायदान के आला अधिकारी मौजूद थे. पहले से चले आ रहे मतभेद 6-7 मार्च की रात में गहरा गए. हालांकि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अरुण गोयल की नियुक्ति इसी बुलेट रफ्तार से किए जाने पर तंज कसा था. कोर्ट ने तब कहा था कि ऐसा कौन सा आसमान टूटा पड़ रहा था कि सरकार बिजली को तेजी से काम करने लगी. एक दिन में चयन प्रक्रिया पूरी कर ली गई, लेकिन इस बार अर्जेंसी कुछ अलग है और जायज भी है. n15 मार्च तक नई  नियुक्तिnअब सरकार निर्वाचन आयोग में खाली हुए आयुक्तों के पद 15 मार्च तक भरने की कवायद में जुटी है. अब तक एक ही निर्वाचन आयुक्त की बहाली में जुटी सरकार को आनन-फानन में दो निर्वाचन आयुक्तों की बहाली की कसरत करनी पड़ रही है. सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक 6-7 अफसरों का पैनल तो पहले से ही तैयार है. पीएम लोकसभा में विपक्ष के नेता और पीएम की ओर से मनोनीत एक मंत्री की चयन समिति संभवत: मंगलवार तक इस बाबत बैठक करेगी. सरकार की पूरी कोशिश है कि दो निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति चुनाव की घोषणा से पहले हो जाए. सरकार के पास इस बुलेट रफ्तार के अलावा कोई रास्ता भी नहीं है.

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