संजय सिंह की जीत पर बोले बृजभूषण सिंह, जानें क्या-क्या कहा?

भारतीय कुश्ती संघ को नया अध्यक्ष मिल गया है  21 दिसंबर को हुए भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण के करीबी संजय कुमार सिंह को अध्यक्ष चुना गया है. संजय सिंह बीजेपी के सांसद और पूर्व डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के करीबी हैं. ऐसे में इसे बृजभूषण सिंह के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है. साथ ही उनके खिलाफ प्रदर्शन करने वाले पहलवान इससे आहत हैं. यहां तक की साक्षी मलिक ने तो कुश्ती से सन्यास भी ले लिया है. इसी बीच अब कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष के चुनाव पर बृजभूषण सिंह की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. nबृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ‘जीत का श्रेय इस देश के पहलवानों को है और रेसलिंग फेडरेशन से जुड़े हुए जो अध्यक्ष हैं और सेक्रेटरी हैं उनको है. अध्यक्ष चेंज हो गया है और आगे की गतिविध को आगे बढ़ाएंगे और आरोपों पर उन्होंने कहा कि वह न्यायपालिका में विचाराधीन है. मुझे उम्मीद है कि नए महासंघ के गठन के बाद कुश्ती प्रतियोगिताएँ फिर से शुरू होंगी.’nn#WATCH WFI के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा, “मैं जीत का श्रेय देश के पहलवानों और WFI के सचिव को देना चाहता हूं…मुझे उम्मीद है कि नई फेडरेशन के गठन के बाद कुश्ती प्रतियोगिताएं फिर से शुरू होंगी।’ pic.twitter.com/l16nrhnf9Bn— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 21, 2023nnnnभारतीय कुश्ती महासंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह वाराणसी के रहने वाले हैं और वह आरएसएस से भी जुड़े हैं. वह डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बहुत करीबी सहयोगी हैं. वहीं संजय सिंह के पैनल के सदस्यों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अधिकतर पदों पर जीत हासिल की है. उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय को 40 जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता अनिता श्योराण को सिर्फ सात वोट मिले.nवहीं, डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद पर जीतने बाद संजय सिहं ने कहा- ‘यह देश के हजारों पहलवानों की जीत है जिन्हें पिछले सात से आठ महीनों में नुकसान उठाना पड़ा है.’ इसके साथ ही कुश्ती महासंघ के अंदर चल रही राजनीति को लेकर संजय सिंह ने कहा, ‘हम राजनीति का जवाब राजनीति और कुश्ती का जवाब कुश्ती से देंगे.’ भारतीय कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा- ‘कुश्ती के लिए कैंप आयोजित किए जाएंगे, जिनको कुश्ती करनी है वो कुश्ती कर रहे हैं, जो राजनीति करना चाहते हैं वे राजनीति करें.’

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