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सिरका + शरबत = बम, आतंकी का था 31 लाख रुपये का पैकेज..NIA का खुलासा

महाराष्ट्र के पुणे में गिरफ्तार आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इसमें कई चौंकाने वाले दावे किए गए हैं. पता चला है कि ये आतंकी महाराष्ट्र सहित देश के कई हिस्सों में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के फिराक में थे.nइतना ही नहीं ये हाइली एजुकेटेड थे और तकनीकी तौर पर महारथी थे. सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए इन्होंने विस्फोटकों को कोड वर्ड नाम दे रखा था. सिरका, शर्बत रोज वॉटर जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर ये विस्फोटक मंगाते थे.nआतंकी का था 31 लाख रुपये का पैकेजnइंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार एक आतंकी जुल्फिकार इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की मल्टीनेशनल कंपनी में सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम कर रहा था. उसका सालाना 31 लाख रुपये का पैकेज था. अदालत में दायर की गई चार्जशीट में एनआईए ने दावा किया है कि आतंकवादी बम बनाने के लिए जरूरी विस्फोटक मंगाने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल कर रहे थे. इसमें सिरका का मतलब सलफ्यूरिक एसिड (Sulphuric acid H2so4), रोज वाटर का मतलब एसीटोन और शरबत का मतलब हाइड्रोजन पेरोक्साइड था.nकई राज्यों में हमले की थी योजनाnचार्जशीट में एनआईए ने बताया है कि आतंकियों ने देश के कई राज्यों में हमले की योजना बनायी थी. इसके लिए महाराष्ट्र, गोवा, केरला और कर्नाटक में  ISIS के गुर्गों ने रेकी की थी. यह भी पता चला है कि इनमें से एक आतंकी ने लाखों रुपये कीमत की हिमालयन बाइक से कई राज्यों का भ्रमण किया था और संवेदनशील जगहों के वीडियो बनाए थे. इसी वीडियो के आधार पर हमले की साजिश रच रहे थे.nबनाया था ट्रेनिंग सेंटर, कोई इंजीनियर था तो कोई डिजाइनरnचार्जशीट के मुताबिक आतंकियों ने पुणे के जंगल में ट्रेनिंग सेंटर बनाया था. मुंबई और पुणे के कई इलाकों में किराए का मकान लेकर ये आतंकी अपना कुनबा बढ़ा रहे थे. आरोपी अकीफ नाचन ने फरवरी 2022 में मध्य प्रदेश के रतलाम में आतंकी ट्रेनिंग कैंप को अटेंड किया था. यह एक पोल्ट्री फार्म में आयोजित किया गया था.nगिरफ्तार आरोपी शाहनवाज माइनिंग इंजीनियर था जिसे विस्फोटकों की पूरी जानकारी थी. वहीं गिरफ्तार आरोपी कादिर पठान ग्राफिक्स डिजाइनर के तौर काम कर रहा था . वॉशिंग मशीन के टाइमर, थर्मामीटर, स्पीकर वायर, 12 वोल्ट के बल्ब, 9 वोल्ट के बैटरी, फिल्टर पेपर, माचिस, सोडा पावडर का इस्तेमाल कर ये आतंकी तो आईईडी बना रहे थे. इनके हैंडलर विदेशों में बैठे थे जो फंडिंग कर रहे थे.

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