बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ती ही जा रही है. बीजेपी की मदद से एक बार फिर नीतीश कुमार सीएम की कुर्सी संभाल सकते है. लेकिन यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार ने अपना पाला बदला है. इससे पहले भी नीतीश तीन बार पाला बदलकर अपनी सरकार बना चुके है और साल 2022 में वे आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उनका यह कदम कांग्रेस या I.N.D.I.A. गठबंधन से नाराजगी का है या फिर सीएम बने रहने की उनकी लालसा. nनीतीश-कांग्रेस के बीच हुई अनबन nराजनीतिक नेताओ की मानें तो नीतीश कुमार कांग्रेस से नाराज हैं जिसका कारण उन्हें I.N.D.I.A. गठबंधन में संयोजक पद का नहीं देना है, इसके अलावा जेडीयू की बिहार की लोकसभा सीटों पर नजर है. इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग में हो रही देरी से वह नाराज थे. जेडीयू के पास इस समय देशभर की कुल 543 लोकसभा सीटों में से 16 सीटों पर अपनी पार्टी के जीते हुए सांसद हैं, जिन्हें पार्टी बढ़ाना चाहती है. nराहुल पर उठाए सवाल nनीतिश कुमार ने हाल ही में कांग्रेसी नेता राहुल गांधी की भरत जोड़ों न्याय यात्रा पर भी सवाल उठाया और कहा कि कांग्रेस नेता इंडिया गठबंधन, सीट बंटवारे पर काम करने की बजाए न्याय यात्रा कर रहे हैं. जबकि उन्हें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों में इंडिया गठबंधन को और मजबूत करना चाहिए. nतब आया राजनीति में भूचाल nबिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने के बाद बिहार राजनीतिक में उस समय भूचाल आया जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की सोशल मीडिया पर तारीफ की. इसके बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने तीन ट्वीट किए. इन ट्वीट में बिना किसी का नाम लिए विचाराधारा को लेकर कटाक्ष किया कहा- समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा, हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है.’ n



