समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam khan) और उनके परिवार की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं. फेक बर्थ सर्टिफिकेट केस में अदालत ने आजम खान उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा सुनाई है. ये फैसला रामपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया है. तीनों पर धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
nमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामला आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम के फेक बर्थ सर्टिफिकेट से जुड़ा हुआ है. आरोप के मुताबिक अब्दुल्ला आजम पर दो अलग-अलग बर्थ सर्टिफिकेट रखने का आरोप है. एक सर्टिफिकेट 28 जून 2012 को जारी हुआ जो रामपुर नगर पालिका ने जारी किया गया. इसमें अब्दुल्ला के जन्मस्थान के रूप में रामपुर को दिखाया गया है. जबकि दूसरा जन्म प्रमाण पत्र जनवरी 2015 में जारी किया गया. इसमें अब्दुल्ला के जन्मस्थान को लखनऊ दिखाया गया है.
nइसको लेकर बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम के खिलाफ केस दायर किया था. केस में अब्दुल्ला के पिता आजम खान और मां तजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था.अब्दुल्ला पर पहले जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पासपोर्ट हासिल करने और विदेशी दौरे करने के लिए दूसरे प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करने का भी आरोप है. इसके अलावा उन पर जौहर विश्वविद्यालय के लिए भी इसका उपयोग करने का आरोप है. आरोप है कि अब्दुल्ला आजम ने दोनों सर्टिफिकेट का सुविधानुसार इस्तेमाल किया.
nबता दें कि, इस केस की सुनवाई रामपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है. आजम खान के वकील की तरफ से अर्जी लगाई थी कि केस सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए. हालांकि ये अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी थी.
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