अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी तेजी से चल रही हैं. इसी महीने की 22 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में देश के तमाम प्रतिष्ठित व्यक्तियों को बुलाया गया है. 500 साल बाद भगवान राम को फिर से अपना महल मिलने जा रहा है. लेकिन, ये बात बात पड़ोसी आतंकी और कट्टरपंथियों को रास नहीं आ रही…रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है. साथ ही कई बड़े नेता भी आतंकियों के टारगेट पर हैं…इसको लेकर खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट भी जारी कर दिया है.nजेंसियों ने अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले राजनेताओं और नौकरशाहों के लिए बड़ा खतरा मंडरा रहा है. असमाजिक तत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. अयोध्या में आयोजित होने वाले राम जन्मभूमि के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह ने आतंकवादी संगठनों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की नींद उड़ा रखी है. खुफिया एजेंसियों के दावे के मुताबिक कट्टरपंथी संगठन लगातार इस बात को बढ़ावा देने में लगे हैं कि केंद्र सरकार एक वर्ग विशेष के खिलाफ जा रही है.nखुफिया एजेंसियों के अलर्ट के बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियों की एक बैठक भी हुई है. जिसमें इस खतरे से निपटने के लिए समीक्षा कर व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सुरक्षा बलों को समारोह के पहले से ही सतर्क रहने के लिए कहा गया है. जिससे आतंकवादी संगठन और उससे जुड़े तत्व आसपास के इलाकों में अपनी पैठ ना बना सके. सुरक्षा बलों को निर्देश दिए गए हैं कि, राम मंदिर के आसपास के इलाकों में लगातार अपनी निगाह बनाकर रखें और तलाशी अभियान जारी रखें.nबता दें कि, कट्टरपंथियों की पूरी कोशिश है कि 22 जनवरी 2024 के पहले किसी भी तरह अयोध्या उत्तर प्रदेश समेत भारत के कुछ स्थानों का माहौल बिगाड़ा जाए, जिससे अंतर्राष्ट्रीय जन समुदाय के सामने यह बात रखी जा सके की भारत में एक वर्ग विशेष का उत्पीड़न हो रहा है. दिलचस्प यह है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और उससे जुड़े तत्व इसके लिए अपने गुर्गों के जरिए बड़े राजनेताओं और नौकरशाओं को अपना निशाना बना सकते हैं.