इजरायल-हमास युद्ध विराम को लेकर UN में प्रस्ताव, वोटिंग से दूर रहा भारत-जानें क्यों?

इजरायल-हमास जंग के बीच 27 अक्टूबर को  संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में नागरिकों की सुरक्षा और वहां कानूनी और मानवीय कदमों को जारी रखने को लेकर प्रस्ताव लाया गया. इसमें तत्काल रूप से मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था. प्रस्ताव पर भारत वोटिंग से दूर रहा. यानी भारत ने ना तो इसका समर्थन किया, ना ही विरोध जताया. nप्रस्ताव जॉर्डन की ओर से लाया गया था. इसे संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की ओर से बहुमत से अपनाया गया. इसके पक्ष में 120 वोट पड़े, विरोध में 14 मत पड़े और 45 वोट नहीं पड़े. एक विशेष सत्र में इजरायल, अमेरिका, हंगरी और पांच पेसिफिक आइलैंड स्टेट्स ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया. एबीपी लाइव को सूत्रों ने यह भी बताया कि मतदान के दौरान भारत ने फिलिस्तीन को लेकर नई दिल्ली के सुसंगत रुख पर जोर दिया.nसंयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार (27 अक्टूबर) को गाजा में हमास और इजरायली सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष विराम के लिए एक व्यापक प्रस्ताव अपनाया. इजरायली जमीनी हमलों और बमबारी में इजाफे के बीच इसमें गाजा में फंसे लोगों को लगातार जीवन के लिए जरूरी और पर्याप्त सहायता उपलब्ध कराने की मांग की गई. nभारत ने क्यों किया प्रस्ताव पर मतदान से परहेज?nसूत्र ने बताया कि प्रस्ताव में सभी तत्वों को शामिल नहीं किए जाने के कारण भारत ने इसके मतदान में हिस्सा नहीं लिया. भारत का वोट मुद्दे पर उसकी दृढ़ और उचित स्थिति के आधार पर दिया जाना था. यह पाया गया कि प्रस्ताव में हमास की ओर से किए गए आतंकवादी हमले की कोई स्पष्ट निंदा शामिल नहीं की गई थी. वहीं, मुख्य प्रस्ताव पर मतदान से पहले इसी से संबंधित एक संशोधन पेश किया गया था, भारत ने संशोधन के पक्ष में वोट किया. इसके पक्ष में 88 वोट पड़े. यह अनिवार्य दो-तिहाई बहुमत हासिल करने में विफल रहा, इसलिए इसे अमान्य कर दिया गया.n

Tags

Share this post:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *