मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब राजनीतिक दल भी मुद्दे तलाश कर रहे है. किसी भी बयान पर या तो विवाद हो रहा है या फिर इमोशनल कार्ड खेला जा रहा है. दरअसल कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां ये बात बखूबी जानती है कि कोई भी विवादित बयान कई बार सारा चुनाव बदल देता है. यही कारण है कि किसी भी बयान पर बवाल हो रहा है. सबसे पहले बात बीजेपी की करते हैं. बीजेपी नेता हमेशा ही दिग्विजय सिंह पर हमलावर रहते है. कांग्रेस पर निशाना साधते समय हमेशा ही दिग्विजय सिंह का जिक्र कर ही देते है. यहां तक की उन्हें मिस्टर बंटाधार तक कहा जाता है.
nहाल ही में भोपाल में एनआईए ने पीएफआई से जुड़े लोगों से पूछताछ की. ये पूछताछ टेरर फंडिंग को लेकर थी. इसे लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कार्रवाई करे, हमें कोई दिक्कत नहीं है, मगर 97 % मामले तो झूठ ही पाए जाते है. दिग्विजय सिंह के इस 9 सेकेंड के बयान ने बीजेपी को बड़ा मुद्दा दे दिया.
nबीजेपी ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया. सबसे पहले बीजेपी के विधायक और हिंदूवादी नेता रामेश्वर शर्मा ने इस विषय पर प्रेस वार्ता की और कहा कि दिग्विजय सिंह आतंकियों का साथ देते हैं . यही नहीं अगले दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह के इस बयान पर निशाना साधा. ये मामला यहीं नहीं थमा.
nदिग्विजय सिंह के बयान के तीसरे दिन गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रेस वार्ता की. ये तो बड़े नेताओं की बात हुई. इसके अलावा बीजेपी ने सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को जमकर प्रचार किया इतने बवाल के बाद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया.
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