रेसलिंग फेडरेशन (WFI) में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. फेडरेशन के चुनाव होने के बावजूद खेल मंत्रालय ने इसे सस्पेंड कर दिया था. वहीं, अब भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने बुधवार को बड़ा कदम उठाया. भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को चलाने के लिए आईओए ने 3 सदस्यों की एड हॉक समिति बनाई है.nये 3 लोग चलाएंगे WFInइस समिति के चेयरमैन भूपेन्द्र सिंह बाजवा होंगे. बाजवा एशियन गेम्स-2022 में भारतीय टीम के शेफ डी मिशन रहे हैं. वो वुशू असोसिएशन ऑफ इंडिया के चीफ की कुर्सी भी संभाल रहे हैं. इस समिति में एमएम सौम्या और मंजुषा कंवर सदस्य बनाए गए हैं. बता दें कि, खेल मंत्रालय ने रेसलिंग फेडरेशन के चुनाव होने के कुछ दिन बाद ही इसे सस्पेंड कर दिया था. nसेलेक्शन भी करेगी समितिnये एड हॉक समिति रेसलिंग फेडरेशन के ना सिर्फ कामकाज और गतिविधियों पर नजर रखेगी, बल्कि खिलाडियों का चयन, अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में खिलाडियों का नाम भेजने का भी काम करेगी. इसके अलावा खेल प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन और सुपरविजन आदि भी देखेगी. साथ ही वेबसाइट चलाना और बैंक अकाउंट भी संभालेगी.nनेशनल अवॉर्ड लौटा रहे पहलवानnरेसलिंग फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. बाद में करीब 40 दिनों तक प्रदर्शन किया गया. इसके बाद बृजभूषण को हटाकर फिर से चुनाव कराए गए. चुनाव में संजय सिंह ‘बबलू’ ने अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कब्जा किया जो बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं. बृजभूषण ने इसी बीच एक बयान दिया कि फेडरेशन में उनका दबदबा है और रहेगा. संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई चीफ बनते ही ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने संन्यास का ऐलान कर दिया. बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटा दिया तो विनेश फोगाट ने खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया. ये तीनों ही पहलवान बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे थे.