चाँद से लेकर सूरज तक और अब मिशन समुद्र, क्या कहते है किरेन रिजिजू ?

साल 2023 में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने चंद्रयान 3 को सफलतापूर्वक चाँद की सतह पर लैंड करवाया था, जिसके बाद दुनिया भर में भारत की सफलता का डंका ऐसे बजा की सभी देश भारत के मुरीद हो गए, सभी की जुबान पर बस भारत की सफलता की गूँज सुनाई देने लगी है और उसके बाद तो मानो इसरो ने सफलता की राह ही पकड़ ली है – आदित्य L 1, गगनयान, समुद्रयान जैसे कई मिशन को लांच किया और कई मिशन को लांच करने की तैयारी में है. nलेकिन अब एक बार फिर भारत की सफलता गूँज रही है, क्योंकि अब भारत का अगला मिशन समुद्रयान सफलता के और करीब पहुंच चुका है. सूरज से लेकर चाँद और अब भारत समुद्र का अध्ययन करने के लिए जल्द ही समुद्रयान मिशन को लांच करेगा।. यह मिशन समुद्र तट के नीचे 6 किलोमीटर तक भेजा जाएगा जिससे समुद्र के अंदर चल रही उथल पुथल की जानकारी जुटाई जाएगी. nक्या कहते है किरेन रिजिजू ? nकेंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पर अपना बयान देते हुए कहा कि भारत समुद्र का अध्ययन करने के लिए अपने वैज्ञानिकों को समुद्र तल के नीचे छह किलोमीटर गहराई में भेजने में अगले साल के अंत तक सक्षम होगा. गहरे समुद्र में जाने में सक्षम भारत की पनडुब्बी ‘मत्स्य 6000’ संबंधी कार्य ‘ठीक रास्ते पर’ आगे बढ़ रहा है और इसका परीक्षण इस साल के अंत तक’ किया जा सकता है. nउन्होंने आगे कहा, ‘जब आप समुद्रयान के बारे में बात करते हैं, तो आप समुद्र के अंदर लगभग 6,000 मीटर, छह किलोमीटर गहराई तक जाने के हमारे मिशन के बारे में बात करते हैं, जहां प्रकाश भी नहीं पहुंच सकता। मैं कह सकता हूं कि जहां तक मनुष्यों को समुद्र के भीतर ले जाने वाली हमारी ‘मत्स्य’ पनडुब्बी का सवाल है, तो उसका काम उचित मार्ग पर है.’nपनडुब्बी की क्या है खासियत? nबताया जा रहा है की यह पनडुब्बी वैज्ञानिक सेंसर और उपकरणों से लैस होगी और इसकी परिचालन क्षमता 12 घंटे होगी, जिसे आपात स्थिति में 96 घंटे तक बढ़ाया जा सकता है.. अब तक, अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और जापान जैसे देशों ने गहरे समुद्र में मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है, और अब भारत में इसकी शुरुआत होने जा रही है. 

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