चीन (China) से निकले कोरोना वायरस (Corona Virus) ने पुरी दुनिया को हिला कर रख दिया था. लोग अभी इसकी दहशत से ठीक से बाहर आ भी नहीं पाए हैं और एक बार फिर से एक नई बीमारी के आने की आशंका जताई जा रही है. इतना ही नहीं, इस नई बीमारी की शुरुआत कोरोना की तरह चीन से ही हुई है. चीन में अचानक बढ़े संक्रामक एच9एन2 (H9N2) के मामलों पर डब्ल्यूएचओ भी पूरी तरीके से अलर्ट पर है. ऐसे में सवाल उठते हैं कि, इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत को भी इस रोग को लेकर अलर्ट हो जाने की जरूरत है? आइए इस बारे में समझते हैं की भारत में कैसी स्थिति है और भारत कितना तैयार है?nक्या है इस बीमारी की मुख्य वजह?nदरअसल, चीन में सर्दी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है. वहीं, कोरोना काल के बाद बिना लॉकडाउन के ये चीन की पहली सर्दियां हैं. ऐसे में महामारी के बाद यह पहली सर्दी है जब यहां किसी प्रकार के प्रतिबंध नहीं है. लॉकडाउन और प्रतिबंधों का हटना भी इस बीमारी के फैलने की एक बड़ी वजह है. nये बीमारी रहस्यमयी क्यों है? nचीन में कोरोना की रोकथाम के लिए जो प्रतिबंध लगे थे लेकिन अब इन्हें हटा दिया गया है. जब ऐसे प्रतिबंध हटते है तो ऐसे इन्फेक्शन बढ़ने के ज़्यादा चांस रहता है. चीन में यह मामले लगातार क्यों बढ़ रहे हैं इसकी जानकारी अभी समय के साथ ही पता लगेगी. इसे रहस्यमयी इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अभी यह काफी नई है. इसके लक्षण अलग है और इसके बारे में ज़्यादा पता नहीं है.nक्या है बीमारी के लक्षण?nचीन में फैली इस बीमारो की निमोनिया से भी जोड़कर देखा जा रहा है. लेकिन, इस रहस्यमयी बीमारी के लक्षण निमोनिया से बिल्कुल अलग हैं. निमोनिया में छाती में दर्द होना, खांसी आना, थकान और बुखार अहम लक्षण हैं. वहीं, चीन में तेजी से फैल रही रहस्यमयी बीमारी के लक्षणों में बिना खांसी के तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन शामिल हैं.nnWHO pressing China for details on spike in cases of new virus pic.twitter.com/crRRN6r2dHn— Breakingnews (@janetking851241) November 25, 2023nnnnकितना तैयार है भारत?nचीन में बच्चों में एच9एन2 मामलों के प्रकोप और श्वसन संबंधी बीमारियों को लेकर भारत सरकार स्थिति पर नजर रख रही है. साथ ही बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. आईसीएमआर और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक इस बात को लेकर गंभीरता से उपाय कर रहे हैं, जिससे जोखिमों से बचाव किया जा सकता है. भारत में इस वायरस के फैलने का खतरा काफी कम है. इसके बावजूद मंत्रालय इस स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है.