बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को मोतिहारी की सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी पहुंचे. यहां उन्होंने भाषण भी दिया. इसी दौरान अचानक उनका बीजेपी प्रेम छलक पड़ा. नीतीश कुमार ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘जितने लोग हमारे हैं सब साथी हैं, छोड़िए ना भाई हम अलग हैं आप अलग हैं. इसका कोई मतलब है? जब तक जिंदा है, तब तक आपलोगों (बीजेपी नेताओं) से दोस्ती बनी रहेगी.’
nसेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बोले नीतीश
nनीतीश कुमार ने मोतिहारी में महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मंच से ये बातें कही. इस दौरान बिहार दौरे पर आयीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर समेत बीजेपी के कई नेता मौजूद थे.
nसियासी हलकों में सुगबुगाहट
nनीतीश कुमार के इस बयान ने एकबार फिर सियासी हलकों में सुगबुगाहट पैदा कर दी है कि नीतीश कहीं फिल पलटनेवाले तो नहीं हैं. हालांकि पिछले कुछ दिनों से ऐसे संकेत मिल रहे थे कि नीतीश एक बार फिर बीजेपी के साथ जा सकते हैंष लेकिन नीतीश ने क्लियर कर दिया कि ये सब अफवाह फैलाया जा रहा है.
nबता दें कि, नीतीश कुमार को उम्मीद थी कि इंडिया अलायंस में उन्हें संयोजक बनाया जाएगा और उनकी पीएम पद की उम्मीदवारी भी लगभग पक्की हो जाएगी. लेकिन पिछले कुछ दिनों का घटनाक्रम ऐसा रहा जिससे नीतीश कुमार को निराशा ही हाथ लगी. संयोजक के नाम विपक्षी गठबंधन में सहमति नहीं बन पा रही है. हालांकि नीतीश ने बाद में खुद कहा कि मुझे नहीं बनना है. संयोजक, दूसरे लोग बनें. लेकिन, जब भी सीएम नीतीश कुमार ऐसे बयान देते हैं तो, सियासी गलियारों में अटकलें तेज हो जाती हैं कि वो फिर से एनडीए गठबंधन का दामन थाम लेंगे.
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