झारखंड के 23 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी आदिवासी नेता को एक बड़े मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. झारखंड के खूंटी जिले से बीजेपी सांसद अर्जुन मुंडा देश के नए कृषि मंत्री के रूप में चुने गए हैं. उन्होंने विधायक नरेंद्र सिंह तोमर की जगह ली है. अर्जुन मुंडा इससे पहले झारखंड में तीन बार मुख्यमंत्री पद संभाल चुके हैं. साल 1995 में अर्जुन मुंडा पहली बार विधायक बने थे, जिसके बाद साल 2000 में अलग झारखंड बनने के बाद हुए चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे. nसाल 2003 से शुरु हुआ अर्जुन मुंडा का राजनैतिक सफरnइससे पहले उन्हें साल 2003 में झारखंड के कृषि मंत्री बनाया गया, लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए, जिसके बाद उन्होंने सितंबर 2006 तक राज्य की कमान संभाली. इसके बाद 2009 में जमशेदपुर से लोकसभा सीट से सांसद चुने गए लेकिन अगस्त 2010 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.nवहीं, साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में अर्जुन मुंडा ने झारखंड के खूंटी जिले से लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. झारखंड में अर्जुन मुंडा बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा माना जाते हैं. अअnबीजेपी का आदिवासी चेहरा बने अर्जुन मुंडा nसितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक मुख्यमंत्री के रूप में अर्जुन मुंडा का तीसरा सबसे लंबा कार्यकाल था. इस बार राज्य में राष्ट्रपति शासन घोषित कर दिया गया था. झारखंड में नवंबर-दिसंबर 2014 के विधानसभा चुनावों में, एनडीए ने स्पष्ट बहुमत के साथ घर वापसी की, लेकिन अर्जुन मुंडा अपने गढ़ खरसावां से झामुमो के दशरथ गगराई से लगभग 12,000 वोटों से हार गए. फिर भी, अर्जुन मुंडा राज्य में भाजपा के सबसे महत्वपूर्ण नेता बने हुए हैं.