19 अप्रैल से 01 जून के बीच कुल सात चरणों में देश की 543 सीटों पर मतदान किए जाएंगे, जिसके परिणाम 4 जून को सामने आएंगे. लोकसभा चुनाव 2024 में 102 सीटों की पहले फेज की वोटिंग कल से शुरु हो चुकी है. nपहले फेज की वोटिंग शुरु हो चुकी है. लेकिन एक राज्य ऐसा भी है जहां कल के दिन एक भी वोट नहीं दिए गए. लेकिन नागालैंड के 6 पूर्वी जिलों में लोग वोटिंग के लिए गए ही नहीं. मतदान कर्मी लगातार 9 घंटों तक मतदाताओं की राह देखते रहे, लेकिन एक संगठन के बंद के आह्वान के चलते कोई आदमी वोट डालने नहीं आया, क्योंकि इस संगठन ने अपनी मांग सीमांत नागालैंड क्षेत्र (FNT) को लेकर दबाव बनाने के लिए बंद का ऐलान किया था. nक्या बोले नागालैंड के CM? nCM Neiphiu Rio ने कहा था कि ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ENPO) की मांग FNT को लेकर कोई परेशानी नहीं है. उनकी सरकार पहले ही इस इलाके के लिए अलग पावर की सिफारिश कर चुकी है. ENPO 7 आदिवासी संगठनों में टॉप माना जाता है. सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी कम रही, सिर्फ प्रशासन और आपातकालीन सेवाएं जारी रहीं. nकितने है वोटर्स? nअतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आवा लोरिंग की ओर से बताया गया कि सुबह 7 से शाम 4 बजे तक वोटिंग हुई. 20 विधानसभा सीटों पर वोटिंग के लिए कर्मी मौजूद रहे. प्रदेश में 13 लाख वोटर हैं, जिसमें पूर्वी 6 जिलों के 4 लाख 632 शामिल हैं, nसरकार पर लगाए कई आरोपnनागालैंड के CM ने राजधानी कोहिमा से 41 किलोमीटर दूर अपने गांव तौफेमा में वोट डाला, जिसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें FNT ड्राफ्ट वर्किंग पेपर गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में दिया गया था, जिसको स्वीकार कर लिया गया है. ENPO इन 6 जिलों की अनदेखी किए जाने के आरोप लगते हुए कहा कि क्षेत्र का सामाजिक, आर्थिक विकास नहीं हो रहा है. स्वायत्त निकाय के लिए अप्रोच कर रखी है, ताकि इन इलाकों को भी बराबर पैकेज मिले. विधायक की वोटिंग न होने और कार्रवाई के बारे में सीएम ने कहा कि वे टकराव नहीं चाहते हैं.