बहुजन समाज पार्टी से शनिवार (9 दिसंबर) को निकाले जाने के बाद सांसद दानिश अली की पहली प्रतिक्रया आई है. उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. दानिश अली को यह कहते हुए बीएसपी से निकाला गया है कि उन्होंने पार्टी की विचारधारा, नीतियों और अनुशासन का पालन नहीं किया.nक्या बोले दानिश अली?nन्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, निलंबित बीएसपी नेता दानिश अली ने कहा, ”मैं इतना ही कहूंगा कि बहन कुमारी मायावती जी का हमेशा मैं शुक्रगुजार रहूंगा कि उन्होंने मुझे बहुजन समाज पार्टी का टिकट देकर लोकसभा का सदस्य बनने में मेरी मदद की. बहन जी ने मुझे बहुजन समाज पार्टी से लोकसभा में संसदीय दल का नेता भी बनाया. मुझे सदैव उनका असीम स्नेह और समर्थन मिला है. उनका आज का फैसला जरूर दुर्भाग्यपूर्ण है.”n‘कभी पार्टी विरोध काम नहीं किया, अमरोहा की जनता है गवाह’nउन्होंने कहा, ”मैंने अपनी पूरी मेहनत और लगन के साथ बहुजन समाज पार्टी को मजबूत करने का भरसक प्रयास किया और कभी भी किसी प्रकार का पार्टी विरोधी काम नहीं किया है. इस बात की गवाह मेरे अमरोहा की जनता है.”n‘बीजेपी की जन-विरोधी नीतियों का विरोध जरूर किया’nमैंने भारतीय जनता पार्टी की सरकार की जन-विरोधी नीतियों का विरोध जरूर किया है और आगे भी करता रहूंगा. चंद पूंजीपतियों द्वारा जनता की संपत्तियों की लूट के खिलाफ मैंने आवाज उठाई है और आगे भी उठाता रहूंगा क्योंकि यही सच्ची जनसेवा है. यदि ऐसा करना जुर्म है तो मैंने जुर्म किया है और मैं इसकी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं. अमरोहा की जनता को मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि आपकी सेवा में मैं हमेशा हाजिर रहूंगा.”nबीएसपी ने दानिश अली को लेकर क्या कहा?nबीएसपी की ओर से दानिश अली के निलंबन को लेकर दिए गए बयान में कहा गया, ”आपको अनेकों बार मौखिक रूप से कहा गया है कि आप पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के विरुद्ध जाकर कोई भी बयानबाजी और कृत्य आदि न करें लेकिन इसके बाद भी आप लगातार पार्टी के विरुद्ध जाकर कृत्य/कार्य करते आ रहे हैं…” बयान में कहा गया, ”अत: अब पार्टी हित में आपको बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.”