देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अब अंदर के खोखली हो चुकी है. आलम ये है कि, लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी कांग्रेस आज पाई-पाई को मोहताज है. कांग्रेस इस समय चंदे की कमी से जूझ रही है. पार्टी के पास पर्याप्ट फंड नहीं है. जिस कारण पार्टी आलाकमान तिलमिलाया हुआ है.nदरअसल, हाल ही में कांग्रेस 138 साल की हुई थी. तभी पार्टी ने ‘डोनेट फोर देश’ नाम का एक अभियान शुरू किया था. इस अभियान के जरिए कांग्रेस अपनी आर्थिक स्थिति ठीक करना चाहती थी. देशभर में अपील की गई कि, वो पार्टी को चंदा दें. जिसकी शुरुआत 138 रुपये से थी. कांग्रेस आलाकमान को उम्मीद थी कि, कम से कम कांग्रेस कार्यकर्ता तो पार्टी को चंदा देंगे ही…लेकिन, कांग्रेस के अपने नेता और कार्यकर्ताओं ने ही पार्टी के साथ धोखा कर दिया. कांग्रेस को अब चत इस अभियान से मनमुताबिक, चंदा नहीं मिल सका है. अब खबर आई है कि, कम चंदे पर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने नाराजगी जाहिर की है. साथ ही नेताओं से अपने प्रयासों में तेजी लाने को कहा है. nडोनेट फोर देश अभियान के तहत कांग्रेस पार्टी को करीब दो हफ्तों में 11 करोड़ रुपये का चंदा मिला है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी चंदे की कमी की वजह से नाराज चल रहे हैं. साथ ही पार्टी के ही कुछ बड़े नेताओं ने भी चंदा नहीं दिया गया था, जिस वजह से राहुल और ज्यादा बिफर गए. राहुल गांधी ने अपने नेताओं तो दो टूक कहा है कि, ‘पार्टी तो मां समान होती है, आप सभी को इस अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए और चंदा देना चाहिए. किसी भी तरह की कंजूसी ना बरतें.’nबता दें कि, कांग्रेस को चंदे की जरूरत इसलिए भी पड़ रही है क्योंकि पार्टी का मानना है कि वर्तमान में कॉरपोरेट जगत के ज्यादातर खिलाड़ी बीजेपी को ही सपोर्ट कर रहे हैं, ऐसे में सारा पैसा भी उनके पास ही जा रहा है. इसी वजह से खुद की मदद करने के लिए इस चंदे सिस्टम को शुरू किया गया है. इसके अलावा पार्टी नेतृत्व ने 14 जनवरी से शुरू हो रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए अलग से चंदा जुटाने का फैसला किया है.