'पानी है तो जीवन है' साल 2050 तक जल संकट का खतरा, रिसर्च रिपोर्ट में हुआ खुलासा

पानी और जीवन दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए है. और काफी समय से दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भारत में जल संकट का खतरा मंडरा रहा है. देश के कृषि क्षेत्र में जल प्रबंधन की ओर ध्यान दिलाते हुए एक रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक भारत के 50% से ज्यादा जिलों में पानी का विकट संकट हो सकता है, जो एक बड़ी समस्या बन सकती है.  nक्या कहती रिसर्च रिपोर्ट? nडीसीएम श्रीराम और सत्व नॉलेज की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार में 2050 तक देश में प्रति व्यक्ति जल की मांग में 30% की बढ़ोतरी होने की संभावना है, जबकि देश की बढ़ती आबादी और जल संसाधनों की कमी के चलते प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता में 15% की कमी आ सकती है. nकृषि सेक्टर है सबसे बड़ी चुनौती?    nपानी की बढ़ती मांग और सप्लाई में कमी के चलते ही ये समस्या उत्पन्न हो रही है. इसी वजह से 2050 तक देश के 50% जिलों में पानी का भयंकर संकट खड़ा हो सकता है. कृषि प्रधान देश होने के कारण भारत के कुल जल का 80 से 90% हिस्सा खेती में इस्तेमाल होता है, जिसके साथ घर और बाहर के कामों में पानी का प्रयोग होता है. nट्रांसफॉर्मिंग क्रॉप कल्टीवेशन की रिपोर्ट nएडवांस वाटर इफिशिएंसी इन इंडियन एग्रीकल्चर रिपोर्ट के अनुसार, भारत में दुनिया की 17% आबादी है, लेकिन हमारे पास दुनिया के पानी के सिर्फ 4% संसाधन ही हैं. प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता को मापने वाले फ्लेंकेनमार्क इंडेक्स के मुताबिक प्रति व्यक्ति 1700 क्यूबिक मीटर से कम पानी वाले इलाकों को जल संकट से ग्रस्त माना गया है. इस इंडेक्स के हिसाब से 76% भारतीयों के पास अभी भी पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं है.  

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