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पुंछ हमले पर बड़ा खुलासा! जानें, चीन-पाक के खतरनाक मंसूबे

भारत के शीश पर दो सपोले बैठे हैं. एक चीन तो दूसरा पाकिस्तान. वो भी इस इंतजार में कि, जैसे ही मौका मिले…वो डस लें. लेकिन, भारत में अब ‘मोदी राज’ है. मोदी राज में भारतीय सेना घर में घुसकर मारती है. ये बात चीन भी भली भांती जानता है. और गलवान घाटी में हुई झड़प के समय नतीजा भी भुगत चुका है. ऐसे में अब उसकी सीधी भारत से लड़ने की हिम्मत तो नहीं रही. लेकिन, चीन तो ठहरा चीन. उसे भारत के खिलाफ साजिश भी रचनी है और खुद को भी बचाना है. तो चीन अब कर्ज तले दबे पाकिस्तान को बलि का बकरा बना रहा है. nहाल के दिनों में कश्मीर के पुंछ और राजौरी में बड़े आतंकी हमले हुए हैं. राजौरी और पुंछ सेक्टर के वन क्षेत्रों में लगभग 25-30 पाकिस्तानी आतंकवादियों के छिपे होने की आशंका है. पाकिस्तान इन इलाकों में फिर से आतंकवाद को स्थापित करना चाहता है. लेकिन जानकारों का कहना है कि, ये हमले कश्मीर में दम तोड़ते आतंकवाद को जिंदा रखने के षड्यंत्र तक ही सीमित नहीं. बल्कि, ये एक बड़ी साजिश का छोटा सा हिस्सा है.nदरअसल, बीते गुरुवार को पुंछ में आतंकवादियों ने भारतीय सेना के जवानों पर घात लगाकर हमला कर दिया था, जिसमें चार जवान शहीद हो गए थे. इस हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. PAFF और TRF पाकिस्तानी शैडो आतंकी संगठन जम्मू में आतंकी हमले के दौरान चीनी हथियारों, बॉडी सूट, कैमरे और कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं. इतना ही नहीं, जब भी आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश करते हैं तो…पाकिस्तान की तरफ से चीनी तकनीक से बनी स्नाइपर गन का इस्तेमाल भारतीय जवानों पर किया जाता है. नवंबर में चीनी तकनीक से बनी स्नाइपर गन के जरिए ही जम्मू सीमा पर भारतीय सुरक्षाबल को निशाना बनाया गया था.nखुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, चीन चाहता है कि मजबूत हथियारों और तकनीक से लैस आतंकी भारत में घुसपैठ करें. साथ ही भारत में भी ज्यादा से ज्यादा सैनिकों का इस्तेमाल इन आतंकियों के लिए हो. ऐसे मे सवाल खड़ा होता है कि, आखिर चीन…ऐसा क्यों चाहता है कि भारतीय सैनिक इन आतंकियों से साथ ही उलझे रहें. इससे चीन को फायदा होगा? nतो बता दें,  चीन को ये उम्मीद है कि, उसके ऐसा करने से भारत और भारतीय सेना का लद्दाख सीमा से ध्यान हटेगा. पाकिस्तान-चीन मिलकर भारत को जम्मू-कश्मीर सेक्टर से बाहर निकलने और चीनी सीमा पर सैनिकों को हटाने के लिए बड़ी योजना बना रहे हैं. खासकर लद्दाख सेक्टर में, जहां चीन की पीएलए और भारतीय सेना आमने-सामने हैं. अगर भारतीय सेना का लद्दाख से ध्यान हट जाएगा तो, उसके बाद चीन हरकतें जम्मू-कश्मीर में बढ़ जाएंगी. क्योंकि, भारत को लद्दाख के संसाधन का इस्तेमाल जम्मू में आतंकी गतिविधियों को काबू पाने में करना पड़ेगा. लेकिन, भारतीय सुरक्षा तंत्र ने चीन की इस कोशिश को पिछले दो सालों में लगातार नाकाम किया है. जम्मू और लद्दाख दोनों ही फ्रंट पर पाकिस्तान और चीन की हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है. उन्हें लगातार मुंह की खानी पड़ी है.

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