ईडी पश्चिम बंगाल में हुए राशन घोटाले की जांच कर रही है. इसी सिलसिले में ईडी के अफसर नॉर्थ-24 परगना पहुंचे थे. लेकिन, वहां पहुंचते ही ईंट-पत्थर-डंडों से लैस भीड़ ने अफ़सरों और अर्धसैनिक बलों को घेर लिया. भीड़ ने ईडी और केंद्रीय बल की गाड़ी पर हमला कर दिया. गाड़ियां तोड़ दीं. nईडी की टीम पर हमले का ये मामला उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली गांव का है. जांच एजेंसी की टीम यहां राशन घोटाले के केस में टीएमसी नेता एसके शाहजहां शेख के घर छापेमारी करने पहुंची थी. इस दौरान ही करीब 200 लोगों की भीड़ ने अचानक ईडी की टीम पर धावा बोल दिया. भीड़ ने ईडी अधिकारी और उनके साथ आए केंद्रीय सुरक्षाबलों की गाड़ियों में तोड़फोड़ की. जो टीम छापेमारी करने पहुंची थी, उसमें ईडी के असिस्टेंड डायरेक्टर भी शामिल थे. भीड़ ने उनकी गाड़ी भी तोड़ दी. हालांकि, इस हमले के बाद टीएमसी नेता एसके शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया गया है.nबता दें कि, ईडी ये छापेमारी राशन घोटाले की जांच के लिए कर रही है. हाल ही में ईडी ने खुलासा किया था कि, पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लगभग 30 प्रतिशत राशन बाजार में बेच दिया गया. nएजेंसी ने खुलासा करते हुए कहा था कि, राशन को बेचने के बाद जो पैसा मिला था. उसे मिल के मालिकों और पीडीएस डिस्ट्रीब्यूटर्स के बीच बांट दिया गया. चावल मिल मालिकों ने कुछ सहकारी समितियों की मिलीभगत से किसानों के फर्जी बैंक खाते खोले और उनको दी जाने वाली एमएसपी की राशि को अपनी जेब में भर लिया. प्रमुख संदिग्धों में से एक ने स्वीकार किया है कि, चावल मिल मालिकों ने प्रति क्विंटल लगभग 200 रुपये कमाए थे. इन अनाज को सरकारी एजेंसियां किसानों से खरीदने वाली थीं. ईडी ने अपने बयान में का था कि कई चावल के मिल मालिक सालों से ये घोटाला कर रहे हैं.