ब्लैक में टिकट, हुआ लाठीचार्ज, कुछ ऐसी है पहली बोलती फिल्म 'Alam Aara' की कहानी

भारतीय सिनेमा के इतिहास में कई फिल्में, गाने, एक्टर, एक्ट्रेस, डॉयलॉग, सीन आदि को स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज किया गया हैं. 21वीं सदी में हम कितनी ही ऐसी फिल्मों को देखते है, लेकिन क्या आपको पता है भारतीय सिनेमा का इतिहास, इसकी शुरुआत कैसे हुई, क्या था बजट, कितनी थी सैलरी, शूटिंग की क्या थी प्लानिंग, लोकेशन क्या था जैसी जानकारी.nभारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे पहली मूक फिल्म साल 1913 ‘राजा हरिशचंद्र’ थी, जिसके बाद से फिल्मों का दौर शुरु हुआ.  लेकिन मूक फिल्मों के बाद देश की पहली बोलती फिल्म 14 मार्च 1931आलम आरा (Alam Ara) रिलीज हुई थी. इसी फिल्म के बाद से बोलती फिल्मों  का दौर शुरु हुआ. nn14th March #TheDayInHistory#OTD in 1931, The first Indian talkie film, #AlamAra, was released at #Mumbai’s Majestic Cinema. The film was also the first to introduce playback singing.#DYK? The film was advertised with the punchline ‘All living, Breathing. 100 percent talking’ pic.twitter.com/94D2Yw1Doin— Dayanand Kamble (@dayakamPR) March 14, 2024nnnnकहां हुई थी फिल्म रिलीज? nदेश की पहली बोलती फिल्म 14 मार्च 1931आलम आरा दोपहर 3 बजे मुंबई के मैजेस्टिक सिनेमाघर में फिल्म का पहला शो रिलीज हुआ, जिसकी टाइमिंग सिर्फ 124 मिनट की ही थी. इस फिल्म की प्रोड्यूसर इम्पीरियल मूवीटोन नामक कंपनी थी. और डायरेक्टर आर्देशिर ईरानी के प्रोड्क्शन में बनी इस फिल्म ने इतिहास में अपना नाम दर्ज किया. आज की दुनिया इस फिल्म को नहीं देख सकती, क्योंकि इस फिल्म का एक भी प्रिंट नहीं बचा, इसलिए इस फिल्म को ‘लॉस्ट मूवी’ के नाम से जाना जाता है. nफिल्म से जुड़े कुछ किस्से nnहॉलीवुड फिल्म ‘Show Boat’ देखकर ही आर्देशिर ईरानी को बोलती हुई फिल्म बनाने का आइडिया आया, जो जोसफ डेविड द्वारा लिखे गए पारसी नाटक पर फिल्म आधारित थी. nमास्टर विट्ठल, जुबैदा धनराजगीर, जिल्लो, सुशीला, पृथ्वीराज कपूर ने इस फिल्म में अहम भूमिकाएं निभाई थीं. 7 गानों के इस फिल्म का एक गाना ‘दे दे खुदा के नाम पे’ भारतीय सिनेमा का पहला गाना है, जिसे वजीर मोहम्मद खान ने आवाज दी थी. nपहली बोलती फिल्म का नाम ‘आलम आरा’ था, जिसका मतलब है – संसार को सजाने वाला. nफिल्म की कहानी एक राजकुमार और एक बंजारन लड़की की प्रेम कहानी के ही इर्द-गिर्द घूमती है. nइतिहासकारों के अनुसार, आर्देशिर ईरानी को लॉटरी के टिकट खरीदने का बहुत शौक था, इसलिए उन्होंने एक ही टिकट से 14 हजार रुपये जीते थे और इन्हीं पैसों को उन्होंने अपनी इस फिल्म में इन्वेस्ट किया. n40 हजार रुपये के बजट में बनी इस फिल्म में इस्तेमाल हुई साउंड टेक्नोलॉजी विदेश से आई थी.   nसाल 1957 में आई फिल्म ‘मदर इंडिया’ के डायरेक्टर महबूब खान को आर्देशिर ईरानी इस फिल्म का हीरो बनाना चाहते थे, लेकिन मास्टर विट्ठल की उस समय की लोकप्रियता देखते हुए ही उन्होंने अपना निर्णय बदल लिया.    nnn92 Years of #AlamAra (14/03/1931).In 1931, India witnessed the release of its first talkie film, Alam Ara, directed by Ardeshir Irani. The movie was a huge success, attracting such large crowds that the police had to be called in to manage the situation. pic.twitter.com/66UludZv56n— Bollywoodirect (@Bollywoodirect) March 14, 2023nnnnरात में होती थी शूटिंगnफिल्म की शूटिंग रात एक बजे से लेकर 4 बजे तक चलती रहता थी, इसके पीछे की वजह यह थी कि शूटिंग के दौरान किसी को उसका शोर सुनाई न दे, इसका कॉन्सेप्ट कोई चुरा न ले. nकपड़ों में  छिपाकर या जेब में डालकर कलाकारों ने माइक्रोफोन में अपनी आवाज रिकॉर्डिंग की, जिसकी शूटिंग रेलवे ट्रैक के पास होती थी. इस तरह से 4 महीने में फिल्म को बना लिया गया था. nब्लैक में टिकट, हुआ लाठीचार्जnपहली बोलती फिल्म देखने के लिए दर्शकों में इस कदर का पागलपन था कि दोपहर 3 बजे का शो देखने के लिए सुबह 6 बजे से ही टिकट खरीदने के लिए लाइनें लग जाती थी. nफिल्म का इतना क्रैज़ था कि 25 पैसे की टिकट ब्लैक में बिकवे लगी, जिसकी कीमत 5 रुपये से लेकर 50 रुपये तक की थी. फिल्म देखने के लिए सिनेमाघर के बाहर  लगी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस और लाठीचार्ज तक की जरुरत पड़ी. n

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