भारत को नाराज करना मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू सरकार को बहुत भारी पड़ने वाला है. भारत का विरोध करने की ऐसी सजा चुकानी होगी…जिसकी मुइज्जू ने कभी कल्पना तक नहीं की होगी…मालदीव के बायकॉट को लेकर तो अभियान चल ही रहा था. वहीं, अब मुइज्जू को अपनी कुर्सी से भी हाथ धोना पड़ेगा. मालदीव की राजनीति में भूचाल आ गया है. सरकार गिरने तक का खतरा मंडराने लगा है. मालदीव में मुइज्जू को राष्ट्रपति पद से हटाने की मांग तेज होने लगी है.nदरअसल, मालदीव में विपक्ष नेता अली अजीम ने मुइज्जू को आइना दिखा दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि, राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत के प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. जब विवाद हुआ तो अपने देश का सम्मान नहीं बचाया. विवाद का सही तरीके से समाधान भी नहीं किया. मुइज्जू अपनी जिम्मेदारी का वहन करने में फेल हुए हैं, इसलिए मुइज्जू को राष्ट्रपति पद से हटाया जाए. अली अजीम ने घोषणा कर दी है कि, जल्दी ही संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया जाएगा. उनके सभी सांसद इस अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करें. nऐसे में अब खबरें आ रही हैं कि, अगर मालदीव की संसद में ये अविश्वास प्रस्ताव पेश होता है तो…मुइज्जू की सरकार गिरनी तय मानी जा रही है…क्योंकि, मालदीव को पीएम मोदी ने ऐसा झटका दिया था. जिससे वहां इकॉनमी घुटनों के बल आने वाली है.nवहीं, भारत के पंगा लेने के कारण मालदीव की अर्थव्यवस्था डामाडोल हो सकती है. मालदीव का टूरिज्म बिजनेस भी प्रभावित होगा…क्योंकि, भारत से काफी टूरिस्ट मालदीव घूमने आते हैं. यहां कई-कई दिन बिताते हैं, लेकिन विवाद के चलते भारतीय अब सोशल मीडिया पर मालदीव का बहिष्कार करने लगे हैं. इससे दुनियाभर के टूरिस्टों में मालदीव की इमेज खराब होगी. बिजनेस डील्स पर भी विवाद का असर पड़ सकता है. ऐसे में मालदीव का विपक्ष और सरकार के कुछ नेता समझ चुके हैं कि, अगर देश को बचाए रखना है तो…मुइज्जू से पल्ला झाड़ना पड़ेगा.