आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को दिल्ली हाई कोर्ट से मंगलवार (17 अक्टूबर) को बड़ी राहत मिली. कोर्ट ने कहा कि राघव चड्ढा को मौजूदा टाइप-7 सरकारी बंगला खाली नहीं करना होगा.
nहाई कोर्ट ने निचली अदालत के राज्यसभा सचिवालय की कार्रवाई पर से अंतरिम रोक हटाने के फैसले को रद्द किया. मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अनुप जे भंभानी ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय के खिलाफ निचली अदालत का पारित स्थगन आदेश बहाल रहेगा. ये रोक तब तक लागू रहेगी जब तक कि ट्रायल कोर्ट अंतरिम राहत के लिए उनके आवेदन पर फैसला नहीं कर लेता.
nदिल्ली हाई कोर्ट ने राघव चड्ढा की याचिका पर अपना आदेश बीते बृहस्पतिवार को सुरक्षित रख लिया था, जिसमें उन्हें आवंटित सरकारी बंगले से बेदखल करने से राज्यसभा सचिवालय को रोकने संबंधी एक अंतरिम आदेश को रद्द करने के एक निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी. कार्यवाही पूरी करने के बाद न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने राज्यसभा सचिवालय के वकील से मौखिक रूप से कहा था कि उच्च न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.
nचड्ढा ने निचली अदालत के पांच अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी थी. निचली अदालत ने आदेश में कहा था कि चड्ढा यह दावा नहीं कर सकते कि उन्हें आवंटन रद्द होने के बाद भी राज्यसभा सांसद के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी बंगला रखने का अधिकार है. निचली अदालत ने 18 अप्रैल को पारित एक अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की थी, जिसमें राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा से सरकारी बंगला खाली नहीं कराने का निर्देश दिया गया था. निचली अदालत ने कहा था कि चड्ढा को उचित कानूनी प्रक्रिया के बिना अंतरिम राहत दी गई थी.
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