बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट को लेकर NIA मामले की जांच में जुटी हुई है. वहीं अब NIA ने इस मामले से जुड़े मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उनसे पूछताछ की जा रही है. इसी कड़ी में ब्लास्ट से जुड़ी एक नई जानकारी भी सामने आई है, जिसमें अब इस कैफे ब्लास्ट का कनेक्शन पाकिस्तान से जोड़ा जा रहा है. nNIA इस समय ऑनलाइन हैंडलर की पहचान करने की कोशिश कर रही हैं, जिसका कोडनेम “कर्नल” है. अधिकारियों के अनुसार कर्नल कोडनेम 2019-20 में IS अल-हिंद मॉड्यूल के साथ जुड़ने के बाद से घटना को अंजाम देने वाले गिरफ्तार हुए आतंकी अब्दुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाज़िब के संपर्क में हो सकता है. nहमला करने के लिए उकसाना nआपको बता दें कि अब्दुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाज़िब को इसी कैफे ब्लास्ट में संलिप्त होने के चलते 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें मुसाविर हुसैन शाजिब को इस हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि IS अल-हिंद दक्षिण भारत में कई युवाओं को क्रिप्टो-वॉलेट के माध्यम से पैसे भेजता था. इसके साथ वो धार्मिक स्थल, हिंदू नेताओं और प्रमुख जगहों पर हमला करने के लिए उकसाता भी था. nवरिष्ठ अधिकारी ने बताया nमामले की जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को नाम न बताने की शर्त पर कहा कि हमने नवंबर 2022 में मंगलुरु ऑटो रिक्शा विस्फोट के बाद कर्नल नाम के हैंडलर के बारे में सुना था. वो शायद मिडिल ईस्ट के अबू धाबी में कहीं से काम करता था. ये एजेंसियां इस्लामिक स्टेट (IS) समूह के छोटे मॉड्यूल बनाकर आतंकी गतिविधियों को दोबारे से शुरू करने के लिए पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI की मदद लेती थी. इस तरह से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI कर्नल कोडनेम वाले इंसान के साथ मिलकर काम करती है. nNIA की चार्जशीट nगिरफ्तार किए गए दोनों आतंकियों से कर्नल, उसकी ऑनलाइन पहचान, भविष्य की आतंकी योजनाओं और शिवमोग्गा IS मॉड्यूल के अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ की जा रही है. NIA की चार्जशीट में ताहा और शाजिब पहले 20 सदस्यीय अल-हिंद मॉड्यूल का हिस्सा थे, जिसने दक्षिण भारत के जंगलों में IS प्रांत स्थापित करने की योजना बनाई थी.