पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं. हिंदी हार्टलैंड में बीजेपी ने गजब का प्रदर्शन किया. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश, तीनों की राज्यों में बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब रही. इन तीन राज्यों में से दो (राजस्थान और छत्तीसगढ़) में कांग्रेस की सरकार थी. ऐसे में ये दोनों राज्य कांग्रेस के हाथ से निकल गए. ऐसे में इन विधानसभा चुनावों ने कांग्रेस को बड़ी टेंशन दे दी है.nदरअसल, अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में अगर इस तरह के हालात बने रहते हैं, तो उसके लिए दिल्ली की सत्ता तक पहुंचाना बेहद ही मुश्किल होने वाला है. यही वजह है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मिली हार के बाद अब पार्टी के भीतर शिकस्त की वजहों को तलाशने के लिए मंथन चल रहा है.nराजस्थान में मिली हार के बाद पार्टी नेताओं ने बैठक की है. इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हुए. लेकिन, दोनों की नेताओं की हार पर राय अलग-अलग दिखी. बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने जो हार का कारण बताया था, उसके राहुल गांधी ने सिरे से नकार दिया. nबैठक में अशोक गहलोत ने तर्क दिया कि राज्य में धार्मिक ध्रुवीकरण हुआ. बीजेपी लोगों के बीच ध्रुवीकरण करने में कामयाब रही, जिसकी वजह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन, राहुल गांधी ध्रुवीकरण वाली बात से सहमत होते हुए नजर नहीं आए. राहुल गांधी का कहना था कि, ‘अगर सच में बीजेपी ने ध्रुवीकरण किया है और इसकी वजह से उसे जीत मिली है, तो फिर कांग्रेस के वोट शेयर पर भी इसका प्रभाव दिखना चाहिए था. बीजेपी अगर ध्रुवीकरण में सफल हो जाती तो कांग्रेस को 40 फीसद वोट नहीं मिलते.’nराहुल ने क्या दिया हार का तर्कn राहुल गांधी ने यहां पर ये भी कहा कि इन योजनाओं को ठीक ढंग से लोगों तक नहीं पहुंचाया गया. कर्नाटक का उदाहरण देते हुए राहुल ने कहा कि दक्षिणी राज्य में योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया गया और पार्टी को जीत मिली. राहुल का कहना रहा कि योजनाओं की जानकारी लोगों तक सिर्फ रैलियों के जरिए पहुंचाई गईं. उन्होंने नौकरशाही के सरकार पर हावी होने की बात भी कही.