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विनाशकाले विपरीतबुद्धि! कांग्रेस ने ठुकराया प्राण प्रतिष्ठा का न्योता…तो भड़की BJP

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस के दिग्गज नेता नहीं जाएंगें. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सांसद सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने कार्यक्रम में जाने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है. कांग्रेस की ओर से राम मंदिर के कार्यक्रम को बीजपी और आरएसएस का इवेंट बताकर इन नेताओं के न जाने के फैसले को सही ठहराया गया है. इसे लेकर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.nबीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधाnबीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, ‘मैं बड़े स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जो लोग राम को मानते ही नहीं थे, वो कुछ भी बहाना बना सकते हैं. ये कार्यक्रम न्यास का है. न्यास ने राम मंदिर के उद्घाटन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है. उद्घाटन तो पीएम मोदी के हाथ से होना ही चाहिए था. मंदिर समय से बन जाएगा, यह हमें पता नहीं था. हम चुनाव को ध्यान में रखकर कोई काम नहीं करते हैं. हम सड़क भी बनाते हैं और दूसरे काम भी करते हैं.’n‘विनाशकाले विपरीतबुद्धि!’nबीजेपी नेता अनिल एंटनी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘विनाशकाले विपरीतबुद्धि! कांग्रेस अब भारत की राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक वास्तविकताओं और भावनाओं से पूरी तरह से कट गई है. इन दिनों कांग्रेस की ओर से लिए गए हर फैसले कुछ वामपंथी चरमपंथियों को बढ़ावा देने और शीर्ष पर बैठे नेताओं के आसपास के कुछ कट्टरपंथी अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए है.’nबीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा, ‘कांग्रेस ने पिछले कुछ दशकों में अयोध्या में मंदिर के लिए कोई कदम नहीं उठाया. उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व को नकार दिया और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में देरी की. इस वजह से कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक तौर पर यह कहना कि वह राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी, इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए.’nकेंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘वे अपनी बयानबाजी में फंसे हुए हैं, उन्हें गंभीरता से क्यों लें? अगर वे नहीं जाएंगे तो उन्हें पछतावा होगा.’nकांग्रेस ने राम मंदिर का निमंत्रण किया अस्वीकारnकांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने बयान जारी कर बताया कि कांग्रेस पार्टी ने कहा कि धर्म व्यक्तिगत मामला है, लेकिन आरएसएस और बीजेपी ने अयोध्या मंदिर को एक राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, अधीर रंजन चौधरी ने राम मंदिर के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है. 

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