सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 1 अप्रैल को ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने के लेकर एक अहम फैसला लिया. तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद कमिटी की याचिका पर सुनवाई हुई और पूजा पर रोक से मना कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि 31 जनवरी के आदेश के चलते नमाज प्रभावित नहीं हुई है.nसुप्रीम कोर्ट ने तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद पक्ष की याचिका पर निचली अदालत के याचिकाकर्ता शैलेंद्र व्यास को नोटिस जारी कर परिसर में पूजा के खिलाफ लगाई गई याचिका पर अब जुलाई के तीसरे सप्ताह में सुनवाई होगी.nसुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर nज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके दौरान मस्जिद पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि निचली अदालत ने आदेश लागू करने के लिए 1 सप्ताह का समय दिया, लेकिन सरकार ने उसे तुरंत लागू कर दिया. हाई कोर्ट ने भी हमें राहत नहीं दी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हुए कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के व्यास तहखाने में पूजा पर तुरंत रोक लगाई जाए.nडीवाई चंद्रचूड़ ने दिया आदेश nसुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘तहखाने का प्रवेश दक्षिण से और मस्जिद का उत्तर से है. दोनों एक-दूसरे को प्रभावित नहीं करते हैं. हम यह आदेश दे सकते हैं कि फिलहाल पूजा और नमाज दोनों अपनी-अपनी जगह जारी रहें.’ सुनवाई में व्यास परिवार के वकील श्याम दीवान ने औपचारिक नोटिस जारी करने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि अभी निचली अदालतों में मामले का पूरी तरह निपटारा नहीं हुआ है. इस समय सुप्रीम कोर्ट के दखल की जरूरत नहीं है. हालांकि, इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया.



