'सत्य की जीत हुई', अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर SC का बड़ा फैसला

अडानी-हिंडनबर्ग विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया है. शीर्ष कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए कोई एसआईटी या विशेषज्ञों का समूह बनाने से साफ इनकार कर दिया. चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, सेबी को कानून के अनुसार अपनी जांच को एक निष्कर्ष तक ले जाना चाहिए. इस मामले में जांच सेबी से हटाने की जरूरत नहीं है. 3 जजों की बेंच ने कहा कि सेबी की जांच उचित है और वह इस मामले की जांच के लिए सक्षम एजेंसी है.nसुप्रीम कोर्ट ने सेबी को इस मामले की जांच के लिए 3 महीने का और वक्त दिया है. 24 मामलों में से 22 में जांच पूरी हो गई है और इन बचे हुए 2 मामले के लिए उच्चतम न्यायालय ने सेबी को फिलहाल 3 महीने का समय और दे दिया है. कोर्ट ने कहा है कि सेबी की अब तक की जांच में कोई खामी नहीं पाई गई है. यानी प्रशांत भूषण सहित अन्य याचिकाकर्ताओं की दलील को खारिज कर दिया है.nसुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणीnसुप्रीम कोर्ट ने अपनी अहम टिप्पणी में कहा है कि केवल मीडिया रिपोर्ट्स या खबरों-प्रकाशन के आधार पर ही भरोसा नही किया जा सकता है. एसआईटी को अडानी मामला ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं मिला है. कोर्ट को अपनी तरफ से निगाह रखने वाली किसी जांच समिति को केस स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं मिली है.nnगौतम अडानी को मिली राहतnसुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच ने फैसला सुनाया है कि अडानी मामले की जांच को सेबी से लेकर एसआईटी को ट्रांसफर नहीं किया जाएगा. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में ही कह दिया था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं हैं और आज कोर्ट ने अपने फैसले में कह दिया है कि सेबी की 22 मामलों में की गई अब तक की जांच सही है. ना तो एसआईटी और ना ही सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी जाएगी. एक तरीके से देखा जाए तो ये सेबी के साथ अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी को बड़ी राहत मिली है.nसत्य की जीत हुई है – गौतम अडानीnअडानी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडानी ने ट्वीट किया, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है. मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे. भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा.

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