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'हमें अपमानित न करें…', रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर बोले अखिलेश यादव

अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होने वाला है. इससे पहले ट्रस्ट के ओर से विपक्षी दलों के तमाम नेताओं को निमंत्रण भेजा जा रहा है. लेकिन समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने दावा किया है कि उन्हें निमंत्रण नहीं मिला है. इससे पहले वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा था कि सभी नेताओं को निमंत्रण भेजा जा रहा है या भेज दिया गया है.nसपा प्रमुख ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, ‘मैं आप सभी से निवेदन करना चाहता हूं कि भगवान श्रीराम के नाम पर हमलोगों को अपमानित न करें. आप ही में से कोई एक साथी आया था. हमारे पास अगर रिकॉर्डिंग होगी तो देख सकेंगे और सुन सकेंगे. उन्होंने ये कहा था कि आपको न्योता मिला है. उसके बाद सच्चाई सामने आई और वो न्योता नहीं था. वो कोरियर से भेजा हुआ कोई न्योता है जो अभी तक नहीं पहुंचा है.’nउस कोरियर की डिटेल दिलवाएंnअखिलेश यादव ने कहा, ‘मैं आने में देर किया हूं, घर पर चेक करके आया हूं कि कोरियर पहुंचा है या नहीं पहुंचा है. पार्टी कार्यालय में भी किसी को न्योता मिला है तो बता दे. कम से कम आप में से जो लोग उस दिन न्योते की बात कर रहे थे कि आपको न्योता दिया गया है या आया है. मैं आप ही के साथ से कहना चाहता हूं कि कम से कम हमें उस कोरियर की डिटेल दिलवाएं. अगर उसकी रिसिप्ट मिल जाए तो हमें उसतक पहुंचने और जानकारी लेने में आसानी होगी.’nबता दें कि, इससे पहले सपा प्रमुख ने कहा था कि किसी का कोई भगवान हो, हमारा भगवान पीडीए है. यह सरकार पीडीए के खिलाफ है. इसीलिए किसी का कोई भगवान हो हमारा भगवान पीडीए है. समाजवादियों को खुशी तभी होगी जब गरीबों के घर में खुशहाली आएगी. गरीब के बेटे को नौकरी मिलेगी तभी हम मानेंगे कि उसके घर में दीया जला है.

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