देश की सियासत में इस समय तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद चर्चा का विषय बना हुआ है. चंपई सोरेन के झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले झामुमो के सभी विधायकों को खरीद फरोख्त से बचाने के लिए हैदराबाद भेजा गया था. लेकिन अब सभी विधायक रांची वापस आ गए है तो बिहार के कांग्रेस विधायक हैदराबाद पहुंच गए. बिहार में नई सरकार के लिए 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होगा और उसी के लिए कांग्रेस विधायकों को भी खरीद फरोख्त से बचाने के लिए ही उन्हें हैदराबाद भेजा जा रहा है. nबिहार के कांग्रेस विधायक भी पहुंचे हैदराबाद nबता दें कि बिहार में कांग्रेस अब नई सरकार में सहयोगी नहीं है क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है. ऐसे में कांग्रेस की कोशिश अपने विधायकों को एकजुट बनाए रखने की है इसलिए सभी को हैदराबाद भेजा गया है. हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस विधायक तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मिलने के लिए ही हैदराबाद आए हैं. बता दें कि कांग्रेस के तीन विधायक मनोहर प्रसाद, सिद्धार्थ सौरव और आबिदुर रहमान हैदराबाद नहीं गए हैं.nnमैं चंपई सोरेन ईश्वर की शपथ लेता हूं… pic.twitter.com/llXNNCcKmmn— Champai Soren (@ChampaiSoren) February 4, 2024nnnnहो रही कांग्रेस विधायकों की इतनी खातिरदारी nकांग्रेस विधायकों की इतनी खातिरदारी करने पर तेलंगाना के बीजेपी नेता रचना रेड्डी ने सवाल उठाया कि कांग्रेस विधायकों की सुरक्षा के लिए राज्य के संसाधन और पैसा खर्च किया जा रहा है तो कांग्रेस नेताओं ने कहा कि रिसॉर्ट में विधायकों के ठहरने का खर्च पार्टी खुद उठा रही है। लियोनिया रिसॉर्ट में झामुमो गठबंधन के विधायकों के ठहरने का खर्च भी कांग्रेस ने उठाया था. nnहालांकि, इन सभी घटनाक्रम के बीच बीजेपी का कहना है कि फ्लोर टेस्ट जीतने के लिए हमें संख्या बल की जरूरत नहीं पड़ेगी लेकिन अगर कांग्रेस के कुछ विधायक पाला बदलते हैं तो इससे विपक्ष का मनोबल गिरेगा. बता दें कि चंपई सोरेन सरकार के फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए सभी झामुमो विधायक रांची पहुंच गए हैं, वे सर्किट हाउस में रुके हुए हैं। फ्लोर टेस्ट में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल होंगे. nn



