इजरायल पर हुए हमास के हमलों के पीछे चीन का नाम सामने आ रहा है। यह आरोप कोई साधारण दावा नहीं है, बल्कि चीनी एनालिस्ट जेनिफर जेंग के सनसनीखेज खुलासे से यह मामला तूल पकड़ रहा है। जेंग ने दावा किया है कि हमास को चीन का पूरा सपोर्ट हासिल है और इजरायल में हुए ‘सदी के सबसे बड़े हमले’ के पीछे चीन का गहरा षड्यंत्र है।
मोसाद को धोखा देने की योजना: मेड इन चाइना
इजरायल के आयरन डोम को धोखा देने और मोसाद को चकमा देने की रणनीति चीन में ही बनाई गई थी। हमास ने चीन में बने 7000 रॉकेट और मेड इन चाइना पैराग्लाइडर्स का इस्तेमाल इजरायल पर हमले में किया। जेंग के मुताबिक, हमास के आतंकियों का सीधा संपर्क शी जिनपिंग के ऑफिस से है।
हमास के 6 प्रमुख चेहरे और चीन की कठपुतली
हमास के छह बड़े चेहरे माने जाते हैं, जिनमें से एक को चीन की कठपुतली कहा जा रहा है। जेनिफर जेंग के मुताबिक, इस व्यक्ति को SFRN कोडनेम दिया गया है। SFRN, हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो का वाइस चेयरपर्सन है, जिसने बीजिंग की Renmin University और University of International Business से पढ़ाई की है।
चीन का मिडिल ईस्ट में असर: हमास को फंडिंग और ट्रेनिंग
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी, मिडिल ईस्ट में हमास को सीधे तौर पर फंडिंग और हथियार मुहैया करवा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने हमास को न केवल आर्थिक मदद दी, बल्कि हथियार और ट्रेनिंग भी दी। इसका मकसद इजरायल और अमेरिका को कमजोर करना है।
मोहम्मद दाएफ और PLA का कनेक्शन
हमास की मिलिट्री विंग के चीफ और इजरायल पर हमले के मास्टरमाइंड मोहम्मद दाएफ को चीन ने तैयार किया है। दाएफ ने PLA के ऑर्डिनेंस इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की और चीन की एक मुस्लिम महिला से शादी की। जेंग ने दावा किया है कि दाएफ को इजरायल पर हमले के लिए चीन से डायरेक्ट निर्देश मिले थे।
क्या है चीन का इरादा?
इन दावों से यह साफ होता है कि चीन, मिडिल ईस्ट में अपने प्रभाव का विस्तार करना चाहता है। गाजा को खून से लाल करने और इजरायल पर हमलों के पीछे लाल सुल्तान की लाल सेना का हाथ होने की बात जोर पकड़ रही है। अब यह देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन खुलासों का क्या असर पड़ता है। अगर इन आरोपों में सच्चाई है, तो यह न केवल इजरायल के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा है। चीन का यह चालबाजी भरा खेल, मिडिल ईस्ट के हालात को और भी खतरनाक बना सकता है।