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पीएम मोदी ने वाराणसी के नमो घाट पर किया 'काशी तमिल संगमम्' के दूसरे संस्करण का शुभारंभ

काशी और तमिलनाडु के रिश्ते प्राचीन होने के साथ ही भावनात्मक और रचनात्मक होते जा रहे हैं. भारत एक राष्ट्र के रूप में आध्यात्मिक आस्थाओं से भरा है, जिसे आदि शंकराचार्य और रामानुजाचार्य जैसे संतों भारत को ने एक बनाया है. सदियों से अधीनम संत काशी की यात्रा करते रहे है, इन यात्राओं  के जरिए भारत हजारों साल से एक राष्ट्र के रूप में अमर रहा है. ऐसा ही मानना है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिन्होंने रविवार को नमो घाट पर काशी तमिल संगमम के द्वितीय संस्करण के शुभारंभ के अवसर पर कही.nइससे पहले उन्होंने प्राचीन तमिल ग्रंथों का ब्रेल भाषा में अनुवाद किए गए विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया. वहीं इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी तमिल संगमम एक्सप्रेस ट्रेन को काशी से हरी झंडी दिखाकर कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन से रवाना किया. ये साप्ताहिक ट्रेन कन्याकुमारी से वाराणसी के बीच सीधी रेल सेवा के रूप में शुरू की गई है.  nमहादेव का घर है तमिलनाडु और काशीnप्रधानमंत्री ने एआई टेक्नोलॉजी के माध्यम से पहली बार एक साथ तमिल और हिन्दी में शुरुआती तीन मिनट तक कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने वणक्कम काशी, वणक्कम तमिलनाडु से अपनी बात शुरू करते हुए तमिलनाडु से वाराणसी आए लोगों का स्वागत और अभिनंदन किया. उन्होंने अतिथियों को अपना परिवार बताया और कहा कि तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना, तमिलनाडु और काशीवासियों के बीच प्रेम संबंध अद्वितीय है.nउन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम की आवाज पूरी दुनिया में गूंजती है. इसके लिए सभी मंत्रालयों, यूपी सरकार और तमिलनाडु के नागरिकों को उन्होंने बधाई दी. प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम विभिन्न वर्गों के बीच आपसी संवाद और संपर्क का प्रभावी मंच बना है. इस संगमम को सफल बनाने के लिए बीएचयू और आईआईटी मद्रास भी साथ आए हैं. आईआईटी मद्रास ने बनारस के हजारों छात्रों को मैथ्स में ऑनलाइन सपोर्ट देने के लिए विद्या शक्ति इनिशिएटिव शुरू किया है.nनए संसद में की गई है पवित्र सेंगोल की स्थापना nनए संसद में पवित्र सेंगोल की स्थापना की गई है. उन्होंने कहा कि हम भारतवासी एक होते हुए भी बोलियां, भाषाओं, वेशभूषा, खानपान रहन-सहन जैसी विविधता से भरे हैं. भारत की विविधता उस आध्यात्मिक चेतना में रची बसी है, जिसके लिए तमिल में कहा गया है कि हर जल गंगाजल है और भारत का हर भूभाग काशी है. जब उत्तर में आक्रांताओं द्वारा हमारी आस्था के केंद्र काशी पर आक्रमण हो रहे थे, तब राजा पराक्रम पांडेयन ने तेनकाशी और शिवकाशी में यह कहकर मंदिरों का निर्माण कराया कि काशी को मिटाया नहीं जा सकता.nयुवाओं में प्राचीन परंपराओं के प्रति उत्साह बढ़ाnप्रधानमंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम के जरिए देश के युवाओं में अपनी प्राचीन परंपराओं के प्रति उत्साह बढ़ता दिखाई दे रहा है. तमिलनाडु से बड़ी संख्या में युवा काशी आ रहे हैं. काशी तमिल संगमम में आने वाले लोगों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अयोध्या में दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. प्रधानमंत्री ने काशी और मदुरै का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों महान मंदिरों के शहर हैं. मदुरै वैगई के तट और काशी गंगई के तट पर, तमिल साहित्य में वैगई और गंगई दोनों के बारे में लिखा है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि काशी तमिल संगमम इसी तरह हमारी विरासत को सशक्त करता रहेगा और एक श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत बनाता रहेगा.n

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