कभी KGF…कभी बाहुबली का मजा देगी 'सलार', पढ़ें रिव्यू

सालार सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. प्रशांत नील के निर्देशन में बनी ये फिल्म कभी ‘बाहुबली’ तो कभी ‘केजीएफ’ की याद दिलाती है. प्रभास के फैंस के लिए सालार किसी ट्रीट से कम नहीं है. फिल्म में सभी किरदारों ने अपने अपने रोल के साथ न्याय किया है फिर भी कहानी दमदार नहीं लगी, फिल्म में  एक्शन सीन्स की भरमार है….चलिए जानते हैं क्या है फिल्म की कहानीnकहानी?nकहानी है दो दोस्तों की जो अब दुश्मन बन चुके हैं.देवा और वर्धा, इसके अलावा जिसका नाम सबसे ज्यादा सुना जा सकता है वो है टैटू. फिल्म में श्रुति हासन की एंट्री होती है, फिल्म की कहानी का मुख्य गढ़ है खानसार, जहां सारे अपराधी रहते हैं. यहां के लोगों की दुनिया काफी अलग है.फिल्म की कहानी उग्रम से शुरू होकर केजीएफ तक होते हुए इंटरवल तक जाती है और आपको बोरियत फील करा देती है, इसके बाद शुरू होता है मेन एक्शन.कोई भी सीन मार धाड़ के बिना नहीं चलता. डायरेक्टर प्रशांत नील की ये दुनिया अब आपको बाहुबली वाला फील देने लगती है.nकैसी है फिल्म?nसिनेमाघरों में प्रभास का जादू दिखा है, भीड़ आई है और एक्शन पसंद करने वालों ने सीटियां भी बजाई हैं. ये फिल्म दो पार्ट में आएगी, जिसका पहला पार्ट सालार: पार्ट 1 द सीजफायर रिलीज हुआ है, फिल्म बीच में ही खत्म कर दी गई है और अब दर्शकों को इसके दूसरे पार्ट का  इंतजार है. ये फिल्म हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ भाषा में सिनेमाघरों में रिलीज हुई है.nएक्टिंग nप्रभास और पृथ्वीराज सुकुमारन का अलग रूप नहीं है, ये गुस्सैल अवतार आप उनकी कई फिल्मों में देख चुके हैं. फिल्म में श्रुति हसन भी हैं जिनका रोल फर्स्ट हाफ में ज्यादा है,  NRI का किरदार कब भारतीय के किरदार में बदल जाता है पता ही नहीं चलता. कुल मिलाकर एक्टिंग ठीक ठाक है, श्रिया रेड्डी ने भी समां बांधा है. जगपती बाबू भी थोड़े लेकिन असरदार रोल में नजर आते हैं.

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