भारत के लिए बांग्लादेश से आई खुशखबरी, समझें शेख हसीना की जीत के मायने

बांग्लादेश के आम चुनावों में शेख हसीना की ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ ने भारी बहुमत हासिल कर ली है. इसके साथ ही शेख हसीना बांग्लादेश की सत्ता बरकरार रह गई. वो लगातार तीन बार प्रधानमंत्री रह चुकी हैं और चौथी बार भी 299 सीटों के लिए हुए मतदान में 223 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी कर ली. इस जीत के साथ शेख हसीना बांग्लादेश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाली नेता बनने जाएंगी. विपक्षी दलों ने आम चुनाव का बायकॉट किया था. बांग्लादेश के आम चुनावों में शेख हसीना की पार्टी की बंपर जीत भारत के लिए भी खुशखबरी है. वहीं, चीन के लिए इसे बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है… nदरअसल, हाल के दिनों में मालदीव और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में भारत विरोधी दलों ने सरकार बना ली है. इस कारण भारत का मुखर विरोध करने वाले चीन-पाकिस्तान जैसे देशों की लिस्ट लंबी हो रही थी. शेख हसीना की पहचान भारत समर्थक नेता की है. उन्होंने चुनावों के दौरान भारत के साथ बांग्लादेश की दोस्ती का जिक्र भी किया था.nवहीं, बांग्लादेश पर चीन की गिद्ध दृष्टि पड़ी है. वो वहां भारत को कमजोर करने की जी तोड़ कोशिशों में लगा रहता है. ऐसे में भारत विरोधी दल की जीत होने से मुश्किलें बढ़ सकती थी. लेकिन, शेख हसीना की सत्ता में वापसी हो गई. ये भारत के लिए राहत की बात जरूर है. nबता दें कि, बांग्लादेश में भारत की कई विकास परियोजनाएं चल रही हैं. भारत-बांग्लादेश कई समझौतों पर आगे बढ़ रहे हैं जो चीन को चुभ रहा है. रेलवे से लेकर बिजली तक, भारत कई परियोजनाओं में बांग्लादेश की मदद कर रहा है. शेख हसीना सरकार से भारत के रिश्तों की प्रगाढ़ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत ने जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता की तो बांग्लादेशी प्रधानमंत्री को भी न्योता दिया. भारत के न्योते पर शेख हसीना अपनी बेटी के साथ भारत आई थीं. उनकी सत्ता में लगातार चौथी बार वापसी से भारत-बांग्लादेश के बीच रिश्तों में और मजबूती आने की उम्मीद है.

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