हमास पर इजरायल का कहर जारी है. बदला लेने के लिए इजरायल की सेना हमास के आतंकियों को ढूंढ-ढूंढ कर ठोक रही है. वो दिन दूर नहीं जब इजरायल, दुनिया से आतंकी संगठन हमास का नामों-निशां मिटा देगा. लेकिन, इजरायल ने शायद ठान लिया है कि वो उसके बाद भी नहीं रुकने वाला. इजरायली सेना चुन-चुनकर इस्लामिक मुक्लकों को तबाह करेगी. अब अगला नंबर सऊदी अरब का है. इजरायल ने दावा ठोक दिया है कि, वो मक्का-मदीना को अपने कब्जे में ले लेगा. और ना सिर्फ मक्का-मदीना पर कब्जा करेगा. बल्कि, दोनों धार्मिक स्थलों को फिर से पवित्र भी कराएगा. इजरायल की इस चेतावनी को सुनते ही इस्लामिक देशों में खलबली मच गई है.nइजरायल हर तरफ से दुश्मनों से घिरा हुआ है. मुस्लिम देशों ने इजरायल पर कब्जा करने और इसे नेस्तोनाबूत करने की पूरी कोशिश की, लेकिन कभी भी कामयाब नहीं हो पाए. इजरायल में दुनिया के सबसे ज्यादा यहूदी एक साथ रहते हैं, ये पूरा देश यहूदियों का ही है. इस छोटे से देश से खाड़ी के तमाम मुस्लिम देश चिढ़ते हैं. लेकिन, आज तक कोई भी इजरायल का बाल भी बांका नहीं कर पाया. वहीं, अब हमास के हमले के बाद इजरायल एग्रेसिव मोड में आ गया है. अब वो मुसलमानों के सबसे पवित्र स्थलों पर अपना कब्जा जमाना चाहता है. nबता दें कि, मक्का मदीना सऊदी अरब में मौजूद है. दुनियाभर में रहने वाले मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए मक्का मदीना बेहद पवित्र जगह मानी जाती है. मक्का मदीना में हर साल हज करने वाले लाखो मुसलमान यहां आते हैं, दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पहुंचते हैं. अब इसी मक्का और मदीना पर कब्जे के लिए इजरायल ने दावा ठोक दिया है. और ये दावा ठोका है, इजराइली लेखक और राजनीतिज्ञ एवी लिपकिन ने. nदरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रही है. ये वीडियो एक क्लिप है एवी लिपकिन एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू की. इस वीडियो में एवी लिपकिन कह रहे हैं कि, ‘मेरा विश्वास है कि हम मक्का, मदीना और माउंट सिनाई ले लेंगे और इन स्थानों को शुद्ध करेंगे.’ साथ ही वो अपने देश की सीमा के विस्तार भी बात कर रहे हैं. ग्रेटर इजरायल बनने की भी बात कर रहे हैं.nवो कहते हैं, ‘हमारे पीछे भूमध्य सागर है और हमारे सामने कुर्द लेबनान….जिसे वास्तव में इजराइल की सुरक्षा की छत्रछाया की आवश्यकता है, और फिर मेरा मानना है कि, हम मक्का, मदीना और माउंट सिनाई लेने जा रहे हैं, और उन स्थानों को शुद्ध करेंगे. इजराइल के लिए यह मुश्किल नहीं होगा. सऊदी अरब, मिस्र, सीरिया, लेबनान और जॉर्डन में कोई कठिनाई नहीं होगी क्योंकि इज़राइल इन देशों में शासन को आसानी से उखाड़ फेंक सकता है, और इज़राइल की सामान्यीकरण और स्वीकृति की संस्कृति को फैलाने के बाद उनकी भूमि पर नियंत्रण करना आसान होगा. गाजा और हिजबुल्लाह की तरह कोई भी इजराइल का विरोध नहीं करेगा.’



