बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ती ही जा रही है. इस समय पूरे देशभर की नजर बिहार की सियासी भूचाल पर बनी हुई है. बीते 18 महीने से राज्य में जेडीयू और आरजेडी गठबंधन की सरकार चल रही थी लेकिन आखिर इतने कम समय में ही दोनों अलग हो गए, आखिर दोनों के बीच ऐसा क्या हुआ. क्या तेजस्वी यादव बिहार के सीएम बनना चाहते हैं? या फिर I.N.D.I.A गठबंधन में पड़ी दरार इन दोनों के अलग होने का कारण रही, या फिर दोनों पार्टियों की नजर लोकसभा चुनाव 2024 पर बिहार की 40 सीटों पर टिकी हुई है. nलंबे समय से चल रही थी प्लैनिंग nगणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की गई थी जिसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की तारीफ की. इसके बाद राज्य में दोनों के फिर करीब आने की अटकलें तेज होने लगी और फिर अगले कुछ दिन में पूरा घटनाक्रम ही बदल गया, लेकिन बिहार में चल रहा राजनीतिक संकट केवल किसी एक सोशल मीडिया पोस्ट या किसी के बयान का नतीजा नहीं है. यह एक लंबे समय से चल रहा संकट है. nnAmid political drama, BJP legislative party meeting underway in BiharRead @ANI Story | https://t.co/PLxqkP4crv#BJP #Biharpoltics #NitishKumar pic.twitter.com/uc27kFkttcn— ANI Digital (@ani_digital) January 28, 2024nnnnबिहार में कैसे हुआ ‘खेला’, इसके मुख्य कुछ ऐसे कारण है जो हम सबको पता होना जरूरी है – nnनीतीश कुमार पर आरजेडी की तरफ से तेजस्वी यादव को सीएम बनाने का दबाव था. nकर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी समारोह समेत कई मौकों पर नीतीश ने आरजेडी और परिवारवाद को टारगेट करते हुए बयान दिए, लेकिन कभी किसी का नाम नहीं लिया. nसत्ता पर पूरी तरह कब्ज़ा करने के लिए आरजेडी और जेडीयू द्वारा एक-दूसरे के विधायकों को तोड़ने के लिए कई बार प्रयास किए गए. nइंडिया गठबंधन बनाने में नीतीश ने अहम रोल निभाया, लेकिन लोकसभा सीट शेयरिंग और पीएम पद के दावेदार पर कांग्रेस से उनकी सहमति नहीं बनी. आरजेडी लोकसभा चुनाव से पहले तेजस्वी को सीएम बना सत्ता की चाबी देना चाहती थी. nबिहार में हो रहा आर्थिक नुकसान, जदयू और आरजेडी नेताओं की एक-दूसरे और सरकार के कामकाज के खिलाफ बयानबाजी. n



