वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में आज एक बड़ा फैसला सामने आया है. जिला जज ने व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति दे दी. साल 1993 में तत्कालीन राज्य सरकार के निर्देश पर यहां पूजा करने पर रोक लगा दी गई थी, इसके लिए 7 दिन में व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है. nसोमनाथ व्यास का परिवार साल 1993 तक इस तहखाने में पूजा-पाठ करता रहा था, जिसके बाद 17 जनवरी को जिला प्रशासन ने इसे अपने कब्जे में ले लिया और सर्वे के लिए यहां साफ-सफाई भी की गई थी. वहीं अब हिंदू पक्ष ने तहखाने में पूजा-पाठ की इजाजत मांगी थी.nक्या कहती है सर्वे रिपोर्ट?nबीते दिनों ही एक जिला अदालत ने एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों के साथ साझा की जाए. सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि यहां पर मंदिर हुआ करता था. उनका कहना है कि एएसआई को सर्वे के दौरान कई ऐसे चिह्न मिले हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर के ऊपर कराया गया था. nमुस्लिम पक्ष ने क्या कहाnइसी बात पर मुस्लिम पक्ष ने अदालत में दलील दी थी कि व्यास जी का तहखाना मस्जिद का हिस्सा है और वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. ऐसे में वहां पूजा-पाठ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन अदालत ने हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाकर पूजा-पाठ की अनुमति दी है, बात दे यह ज्ञानवापी परिसर प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर से सटा हुआ है. nn



