उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में गुरुवार दोपहर से हिंसा और आगजनी हो रही है. अवैध मदरसा और मस्जिद गिराए जाने से लोग भड़क गए, नगर निगम की टीम पर हमला किया गया जिसके बचाव में टीम पुलिस थाने गई तो हमलावरों ने थाने को ही घेर लिया. nमंजर इतना खौफनाक nपुलिस की गाड़ियां और ट्रांसफार्मर जला दिए गए. किसी तरह घर में घुसकर जान बचाई गई, गाड़ियां जलाई गई, जिसने हमें घर में पनाह दी, उसे भी नहीं बख्शा गया, लोगों के सिर पर खून सवार था, सड़कों पर पत्थर बिखरे थे, पुलिस वाले घायल, खून की नदिया बह रही थी, लोग जान बचाने के लिए चिल्ला रहे थे. nमंजर इतना खौफनाक कि लोग भी डर के मारे घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे. यह भयावह तस्वीर शब्दों में बयां की, उस महिला पुलिस कर्मी ने जो खून से लथपथ हालत में अस्पताल पहुंची तो डॉक्टर भी कहने लगे कि रक्षकों के ही भक्षक बनने लगे हैं लोग, यह कलयुग नहीं तो क्या है?nnThe scale of violence in Haldwani by Islamists through the eyes of locals. https://t.co/MMLC26GnDl pic.twitter.com/wat4lXzaD7n— Treeni (@_treeni) February 8, 2024nnnnnहल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई घटना पर त्वरित संज्ञान लेते हुए प्रशासन को उपद्रवियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। देवभूमि उत्तराखण्ड में कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाले किसी भी दंगाई को बख्शा नहीं जाएगा। pic.twitter.com/IxiQfPfHNRn— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 8, 2024nnnnn#BREAKING: Violence breaks out in Uttarakhand’s Haldwani after a Madrasa was demolished in the area… reports of stone pelting and arson by an angry mob pic.twitter.com/biz2nlA2DWn— Akshita Nandagopal (@Akshita_N) February 8, 2024nnnnलिया गया एक्शनnहालात देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इलाके में धारा 144 और कर्फ्यू लगाने के आदेश दिए, साथ ही उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने को भी का दिया. इस पूरी घटना को लेकर नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि पुलिस या प्रशासन ने किसी को नहीं भड़काया और न ही किसी को नुकसान पहुंचाया. डीएम ने कहा कि हाईकोर्ट की ओर से आदेश मिलने के बाद हल्द्वानी में विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। सभी को नोटिस दिया गया और डिमॉलिशन अभियान चलाया गयाय यह एक्शन किसी विशिष्ट संपत्ति को निशाना बनाते हुए नहीं किया गया था. nमदरसा है या सिर्फ ढांचाnजिस मदरसे को ढहाने पर विवाद खड़ा हुआ उसे लेकर डीएम सिंह ने कहा कि यह एक खाली प्रॉपर्टी थी जिसके दो स्ट्रक्चर थे, ये न तो धार्मिक ढांचे के तौर पर रजिस्टर हैं और न ही इनके पास ऐसी कोई मान्यता है, लेकिन कुछ लोग इस ढांचे को आज भी मदरसा कहते हैं. हमने अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी रखने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि संपत्तियों पर कोई स्टे नहीं था, यहां अतिक्रमण हटाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाया गया था. nकैसे शुरु हुआ ये हमलाnउन्होंने आगे कहा कि हमारी टीम ने किसी को न तो भड़काया और न ही नुकसान पहुंचाया, पुलिस या प्रशासन की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया जिससे किसी को भी नुकसान हो. जिलाधिकारी ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को उचित तरीके से अंजाम दिए जाने के करीब आधे घंटे के अंदर लोगों की भीड़ ने हमारी म्युनिसिपल कोऑपरेशन टीम पर हमला कर दिया था. nडीएम ने कहा कि भीड़ ने पुलिस स्टेशन को घेर लिया था और जो लोग अंदर थे उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा था। पहले उन्होंने पत्थर फेंके और फिर पेट्रोल बम से हमला किया. पुलिस स्टेशन के बाहर खड़े वाहनों को आग लगा दी गई. जिलाधिकारी ने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए पुलिस गैस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया था। यह कार्रवाई केवल सुरक्षात्मक उपाय के रूप में की गई थी.



