उत्तराखंड में UCC के लागू होने के बाद देश के विभिन्न राज्यों में इसकी आहट हो रही है और इस दिशा में असम सबसे उतावला नजर आ रहा है क्योंकि असम में सीधे तौर पर UCC कानून तो नहीं लेकिन इससे जुड़े नियमों को बिल का रूप देकर इसे प्रस्तुत किया जा रहा है. हाल ही में असम सरकार ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत ही सभी शादियां और तलाक का फैसला लिया था और बिल मैजिकल ट्रीटमेंट कानून प्रस्तुत किया, एक ऐसा बिल जो मैजिकल हीलिंग पर रोक लगाता है. nक्या है मैजिकल हीलिंग बिल? nइस बिल का पहला उद्देश्य है जादुई उपचार को खत्म करना, यानी जादू-टोना या झाड़-फूक पर रोक लगाना. इस विधेयक का प्राथमिक लक्ष्य बहरापन, गूंगापन, अंधापन, शारीरिक विकृति और ऑटिज्म जैसी कुछ जन्मजात बीमारियों के इलाज के नाम पर जादुई उपचार को प्रतिबंधित और खत्म करना है. nnnhttps://x.com/himantabiswa/status/1756352366251778154?t=hOLC354LqYUw6o3IFEfqpA&s=08nnnइस बिल में ये भी कहा गया है कि ये मासूम और भोले-भाले लोगों का शोषण करने के लिए बनी गैर-वैज्ञानिक हीलिंग प्रैक्टिस को क्राइम घोषित करता है. ये विधेयक विज्ञान पर आधारित इलाज और चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देने पर जोर देता है, साथ ही जो लोग डॉक्टर्स के पास न जाकर इन कार्यों में फंसते हैं उन्हें इससे जागरूक करने पर जोर दिया गया है. nक्या कहते है असम के सीएम? nइस बिल को प्रस्तुत करने की जानकारी देते हुए असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि ‘यह विधेयक ऐसे उपचार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाएगा और इलाज के नाम पर गरीबों और इसमें वंचित लोगों से पैसे वसूलकर उन्हें ठगने वाले ‘चिकित्सकों’ के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान होगा.’ nक्राइम साबित होने पर मिलेगी सजा nमैजिकल हीलिंग के आरोपियों को गैर जमानती सजा मिलेगी. क्राइम साबित होने पर दोषी को 1 से 3 साल की सजा और 50 हजार तक का जुर्माना देना पड़ सकता है.



