सवालों में फिर घिरी कांग्रेस, हो रही इस्तीफों की बारिश

साल 2023 में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे. इन चुनावों से पहले ही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा शुरू हुई थी. उस वक़्त कांग्रेस ने इस यात्रा को इस सोच के साथ शुरू किया था कि साल 2023 में होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपना झंडा गाड़ सकें. लेकिन, नतीजा विपक्षी पार्टी के खेमे में न आकर, पलट गया, और एक बार फिर बीजेपी बाज़ी मार गई. nलेकिन बावजूद इसके कांग्रेस ने हार नहीं मानी और लोकसभा के लिए फिर से मैदान में उतरे, जिसके बाद, लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र कांग्रेस ने शुरू की अपनी भारत न्याय यात्रा. आज कांग्रेस की इस भारत न्याय यात्रा को चलते 57 दिन पूरे चुके है.. लेकिन पार्टी की भारत न्याय यात्रा की नांव अब डूबती नज़र आ रही है. क्यूंकि जहां-जहां ये भारत जोड़ो न्याय यात्रा जा रही है वहां-वहां कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ना शुरू कर दिया है.. nकांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा nभारत जोड़ो न्याय यात्रा के नाम से निकाली जा रही कांग्रेस की इस चुनावी यात्रा के सहारे, कांग्रेस की कोशिश है जनता को लुभाने की. हालांकि अब इस बात का फैसला तो चुनाव में ही होगा कि आखिर जनता का कितना सहारा कांग्रेस पार्टी को मिलने जा रहा है. nकांग्रेस की ये यात्रा 14 जनवरी मणिपुर से शुरू हुई थी. लेकिन कांग्रेस को उसी दिन बड़ा झटका लग गया, क्यूंकि भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत के पहले दिन ही महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद से  ही बाकी नेताओ का पार्टी छोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ. हालांकि कांग्रेस की इस डूबती नांव को देखते बीजेपी के तमाम नेताओ ने भी कांग्रेस की खूब फजीहत की है और कांग्रेस की इस भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर तमाम सवाल उठाए गए है.  nभारत जोड़ो न्याय यात्रा पर उठे सवाल nराज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि राहुल गाँधी  जहां-जहां जा रहे है, वहां-वहां से कांग्रेस के तमाम नेता पार्टी छोड़ रहे है. वहीं, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी ने भी राहुल गाँधी के नेतृत्व वाली इस भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर अपना बयान दिया है. nमौजूदा वक्त में ये यात्रा गुजरात में है, जहां से महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी. 17 मार्च को मुंबई में ही इस यात्रा का समापन होना है, लेकिन उससे पहले पार्टी खुद सिमटने की स्थिति में आ चुकी है.  अब सोचने वाली बात ये है कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस, जिसने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की शुरुआत की थी, वो अपने नेताओ को नहीं जोड़ पा रही तो देश को क्या जोड़ेगी? n

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