दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेता कानूनी तौर पर अब बुरी तरह फंसते जा रहे हैं. पहले मनी लॉन्ड्रिंग और अब मानहानि केस में दिल्ली सीएम फंसते नजर आ रहे हैं. दिल्ली सीएम ने कितनी बार कहा कि उनके पास सबूत हैं लेकिन फिर कोई सबूत दिखाते क्यों नहीं. nक्या लिखा लैटर में? nपहले भी केजरीवाल ने दूसरे नेताओं पर लगाए गए आरोपों के लिए माफी मांगी है जिसमें सबसे ज्यादा चर्चित प्रकरण रहा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से माफी मांगने का, जब 16 मार्च 2018 को उन्होने एक लैटर में लिखा था कि हम दोनों अलग-अलग दलों में हैं. मैंने आपके बारे में बिना जांचे कुछ आरोप लगाए, जिससे आपको दुख हुआ होगा, इसलिए आपने मेरे खिलाफ मानहानि का केस दायर किया मुझे आपसे निजी तौर पर कोई दिक्कत नहीं है, इसलिए मैं आपसे माफी मांगता हूं. nपहले भी मांगी थी मांफीnउससे पहले भी अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के पूर्व मंत्री और अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से भी मांफी मांगी थी, उन्होने मजीठिया पर ड्रग्स के धंधे में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए थे. यानी इन घटनाओं से साबित होता है कि वो आरोप लगाते हैं और फिर खुद ही माफी मांगते हैं. nसाल 2018 का है केस nअब इसी प्रकार के एक केस में अरविंद केजरीवाल को लिखित में माफी मांगने को कहा गया है. दरअसल दिल्ली सीएम ने यूट्यूबर ध्रुव राठी का एक वीडियो रीट्वीट किया था और इसमें शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन ने इसे अपनी मानहानि बताते हुए केस दर्ज किया. ये मामला 2018 में दर्ज किया गया था और यही केस अभी तक चल रहा है. इसी केस में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अगर केजरीवाल अपनी गलती मान रहे हैं तो क्या वे शिकायत वापस ले सकेंगे ?n13 मई को होगी अगली सुनवाई nइसमें शिकायतकर्ता ने कहा कि वह आप संयोजक के सार्वजनिक माफी मांगने पर विचार कर रहा है इसलिए कोर्ट ने दो महीने के स्टे को बढ़ा दिया है और इस मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी. बता दें कि केजरीवाल पहले ही मान चुके हैं कि उन्होने वीडियो को शेयर करके गलती की और विकास सांकृत्यायन ने केजरीवाल के माफी मांगने पर विचार करने की बात कही है. n



