सीएए लागू होने के बाद एक तरफ जहां विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर हमला कर रही हैं तो वहीं कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं. देश में सीएए लागू होने के बाद विपक्षी पार्टियां सत्ताधारी दल बीजेपी पर हमलावर कर रही है. साथ ही कई जगहों पर इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं. जिसके बाद मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया कि सीएए में किसी की भी नागरिकता छीनने का कोई हक नहीं है.nविपक्षी पार्टियों को लिया निशाने परnकेंद्रीय गृह मंत्री ने सीएए लागू करने को जायज ठहराते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया कि सीएए लागू होने से देश में अल्पसंख्यकों की नागरिकता छीन ली जाएगी.n‘ये कानून नागरिकता देता है, छीनता नहीं’nहैदराबाद में बीजेपी के बूथ कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने सीएए को लेकर ‘अफवाह’ फैला रहे लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कानून नागरिकता प्रदान करता है, छीनता नहीं है. उन्होंने ने कहा, ‘मैं इस देश के अल्पसंख्यकों को बताना चाहता हूं कि सीएए के कारण देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी. सीएए एक ऐसा कानून है, जो नागरिकता प्रदान करता है, न कि नागरिकता छीनता है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सीएए में ऐसा कोई हक नहीं है, जो किसी की भी नागरिकता छीनता हो.’nउन्होंने आगे कहा, ‘आजादी के बाद कांग्रेस और हमारे संविधान निर्माताओं का यह वादा था कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में धार्मिक आधार पर सताये गए लोगों को भारत आने पर नागरिकता प्रदान की जाएगी, लेकिन वोट-बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस पार्टी ने सीएए का विरोध किया.’nउन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लाखों-करोड़ों लोग अपनी आस्था और सम्मान को बचाने के लिए भारत आए, लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं दी गई. गृह मंत्री ने कहा, ‘नागरिकता नहीं मिलने से उन्होंने अपने देश में खुद को अपमानित महसूस किया.’ शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीएए के जरिए हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख शरणार्थियों को नागरिकता देकर उनका सम्मान किया है.n



