UCC को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी मंजूरी

उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता (UCC) कानून को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपनी मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी 11 मार्च, 2024 को दी गई है. राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा UCC कानून को मंजूरी देने की जानकारी उत्तराखंड के गजट के माध्यम से दी गई है. अब उत्तराखंड में UCC ने क़ानून का रूप ले लिया है. जिसके बाद प्रदेश में अधिसूचना जारी कर दी गई है. उत्तराखंड में 6 फरवरी को विधानसभा में ध्वनिमत से यूसीसी विधेयक पास हुआ था. राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धन्यवाद दिया और प्रदेशवासियों को बधाई दी.nक्या है UCC कानून ?nयूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम होगें . दूसरे शब्‍दों में कहें तो समान नागरिक संहिता का मतलब है कि पूरे देश के लिए एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम एक ही होंगे.nnThe President has approved the Uniform Civil Code Uttarakhand-2024 Act. The Uttarakhand government has confirmed this. CM Pushkar Singh Dhami’s government passed the UCC Bill in the Uttarakhand Assembly on 7 February, which was sent for approval. pic.twitter.com/APLEtMuFcKn— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 13, 2024nnnnUCC लाएगा सामाजिक समानता nमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह खुशी का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखंड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी दी है. बता दें कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी और यूसीसी कानून अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.nnहम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से…n— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) March 13, 2024nnnnसंकल्प से सिद्धि तक पहुंचा सरकार का निर्णयnमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डेढ साल पहले सरकार बनने पर जनता के सामने राज्य में यूसीसी लागू करने का संकल्प लिया था. सरकार बनी तो मुख्यमंत्री धामी ने सबसे पहली कैबिनेट में यूसीसी का प्रस्ताव रखा. इसके बाद कानून विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर यूसीसी पर लगातार बैठकें, जनता के सुझाव लेकर 6 फरवरी को विधानसभा में विधेयक पर चर्चा करने के बाद मंजूरी दी.   

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